उत्तर प्रदेश में एग्री-स्टैक योजना के तहत किसान पंजीकरण अनिवार्य, डीएमों को दी गई सख्त चेतावनी

उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में एग्री-स्टैक योजना को शीघ्र प्रभावी बनाने के लिए सभी जिला अधिकारियों (डीएम) को सख्त निर्देश जारी किए हैं। मुख्य सचिव एस.पी. गोयल द्वारा भेजे गए पत्र में स्पष्ट किया गया है कि 16 अक्टूबर से 15 नवंबर तक सभी राजस्व ग्रामों में 100% किसान पंजीकरण सुनिश्चित करना अनिवार्य होगा, अन्यथा संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
एग्री-स्टैक योजना: क्या है और क्यों जरूरी?
एग्री-स्टैक भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी डिजिटल कृषि पहल है, जिसका उद्देश्य एक फेडरेटेड किसान रजिस्ट्री तैयार करना है। इसमें सभी किसानों को एक विशिष्ट किसान पहचान संख्या (Farmer ID) प्रदान की जाएगी, जो उनके आधार से लिंक होगी। यह डिजिटल पहचान किसानों को सरकारी योजनाओं, ऋण, बीमा और अन्य कृषि सेवाओं का लाभ पाने के लिए पात्र ठहराने में मदद करेगी।
एग्री-स्टैक के तहत किसान पंजीकरण और डिजिटल फसल सर्वेक्षण (DCS) से निम्नलिखित लाभ मिलेंगे:
- सेवा वितरण में पारदर्शिता और दक्षता
- भूमि और जनसांख्यिकीय विवरण का समन्वय
- जरूरतों के अनुसार कस्टमाइज्ड डिजिटल सेवाएं
- योजनाओं का वास्तविक लाभार्थियों तक पहुंच
जिला अधिकारियों को विशेष अभियान चलाने के निर्देश
मुख्य सचिव द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि 16 अक्टूबर से शुरू होकर 15 नवंबर तक के एक महीने के भीतर सभी जिलों में विशेष अभियान चलाकर किसान पंजीकरण कार्य पूर्ण किया जाए। राजस्व, पंचायती राज, ग्रामीण विकास आदि विभागों के प्रमुख सचिवों, सभी मंडलायुक्तों और कृषि निदेशक को भी पत्र भेजकर इसमें सहयोग करने को कहा गया है।
यह निर्देश राज्य सरकार की उस गंभीरता को दर्शाता है, जिसके तहत आगामी कृषि सीज़न और संभावित चुनावों को देखते हुए योजना को ज़मीनी स्तर पर शीघ्र लागू किया जाना है।
डिजिटल फसल सर्वेक्षण (DCS) में भी विलंब पर सख्ती
सरकार ने इससे पहले 25 सितंबर तक डिजिटल फसल सर्वेक्षण पूरा करने की समय सीमा तय की थी। अब इस सर्वेक्षण और किसान पंजीकरण को एक साथ जोड़ते हुए अधिकारियों को स्पष्ट कर दिया गया है कि यदि कार्य में ढिलाई बरती गई तो जिम्मेदार अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- एग्री-स्टैक योजना एक डिजिटल किसान डेटाबेस बनाने की पहल है।
- प्रत्येक किसान को एक विशिष्ट Farmer ID दी जाएगी जो आधार से जुड़ी होगी।
- उत्तर प्रदेश में किसान पंजीकरण की अंतिम तिथि: 15 नवंबर (अभियान की अवधि 16 अक्टूबर से शुरू)
- राज्य सरकार ने सभी डीएमों को किसान पंजीकरण और डिजिटल फसल सर्वेक्षण पूर्ण करने के लिए आदेशित किया है।