ई-मोबिलिटी को नई दिशा: पीएम ई-DRIVE योजना में संशोधन से ईवी नीति में रणनीतिक परिवर्तन

भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) की बढ़ती मांग और तकनीकी प्रगति को ध्यान में रखते हुए, प्रधानमंत्री इलेक्ट्रिक ड्राइव रिवोल्यूशन इन इनोवेटिव व्हीकल एन्हांसमेंट (PM E-DRIVE) योजना में किए गए हालिया संशोधन एक सशक्त नीतिगत बदलाव को दर्शाते हैं। FAME-I और FAME-II के संक्रमण के बाद यह भारत की ई-मोबिलिटी रणनीति का अगला परिपक्व चरण माना जा रहा है, जो न केवल वित्तीय संसाधनों के विवेकपूर्ण प्रयोग को दिखाता है, बल्कि विभिन्न वाहन वर्गों की बाजार परिपक्वता को भी मान्यता देता है।

संशोधित प्रोत्साहन ढांचा और समयसीमा

PM E-DRIVE योजना अब दोहरी समयसीमा के सिद्धांत पर आधारित है:

  • मार्च 2026 तक: इलेक्ट्रिक दोपहिया, ई-रिक्शा, ठेला, और L5 तीन पहिया वाहनों के लिए प्रोत्साहन जारी रहेगा।
  • मार्च 2028 तक: इलेक्ट्रिक ट्रकों, बसों, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और परीक्षण एजेंसियों को समर्थन मिलेगा।

₹10,900 करोड़ का बजट पूर्ववत रखा गया है, लेकिन अब यह चार वर्षों में व्यय होगा, जिससे योजना का आर्थिक संतुलन सुनिश्चित किया गया है।

वित्तीय पुनर्संरचना और खंड-विशेष रणनीति

तीन-पहिया वर्ग में सब्सिडी पुनर्संरचना योजना के गहन दृष्टिकोण को दर्शाती है:

  • ई-रिक्शा/ठेले: अब केवल ₹50 करोड़ का आवंटन, जिससे 39,034 वाहन कवर होंगे (कुल सब्सिडी में 73% की कटौती)।
  • L5 तीन पहिया वाहन: ₹857 करोड़ का आवंटन, जिससे 2,88,809 वाहन कवर होंगे (20% की वृद्धि)।

यह पुनर्विन्यास दर्शाता है कि सरकार अब कम अंतर्निर्भर तकनीकों से हटकर उच्च प्रदर्शन और नवाचार-समर्थ तकनीकी मार्गों पर निवेश कर रही है।

सब्सिडी में चरणबद्ध कटौती और चुनौतियाँ

  • सब्सिडी दरों में ₹5,000 से घटाकर ₹2,500 प्रति kWh कर दिया गया है।
  • ई-स्कूटर में अच्छा बाजार पकड़ बनने के बावजूद ई-मोटरसाइकिल में स्वीकृति कम है, जिस पर विशेष ध्यान और प्रोत्साहन की आवश्यकता है।
  • निजी ई-बस ऑपरेटरों और वाणिज्यिक ई-कारों को अभी भी योजना में शामिल नहीं किया गया है, जबकि आंकड़े दिखाते हैं कि वाणिज्यिक ई-फोर-व्हीलर्स ने सबसे अधिक नीति संवेदनशीलता दिखाई है।

राज्य-स्तरीय भागीदारी और नीति समन्वय

FAME-II के अनुभव दर्शाते हैं कि जिन राज्यों ने वित्तीय साधनों, परमिट प्रक्रियाओं और EV जोन जैसी स्थानीय नीति अपनाई, उन्होंने ईवी अपनाने में अधिक सफलता पाई। अब जब केंद्रीय सब्सिडी कम हो रही है, राज्यों की भूमिका और अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • FAME-II योजना ने इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों में 9 गुना बाज़ार प्रभाव उत्पन्न किया।
  • वाणिज्यिक ई-कारों में नीति प्रतिक्रिया सबसे अधिक रही, 211% अधिक बिक्री वृद्धि और 21x मार्केट मल्टीप्लायर देखा गया।
  • योजना के तहत ₹2,000 करोड़ का आवंटन 72,300 सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों के लिए और ₹780 करोड़ टेस्टिंग एजेंसी अपग्रेड के लिए निर्धारित है।
  • L5 श्रेणी के EVs अब मुख्य फोकस बन चुके हैं, जो अधिक प्रदर्शन क्षमता और तकनीकी नवाचार की दिशा में अग्रसर हैं।

निष्कर्ष

PM E-DRIVE योजना में संशोधन एक दूरदर्शी, लक्षित और व्यावहारिक दृष्टिकोण को दर्शाते हैं। यह न केवल भारत को ईवी क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कार्यरत है, बल्कि तकनीकी नवाचार, सतत पर्यावरणीय विकास और क्षेत्र-विशेष रणनीतियों को प्रोत्साहित कर रहा है। यदि राज्य सरकारें इस नीति को सहायक उपायों के साथ एकीकृत करें, तो भारत न केवल घरेलू ईवी बाजार में बल्कि वैश्विक मंच पर भी अग्रणी बन सकता है।

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