ई-कॉमर्स पर अब ‘देश का मूल’ फिल्टर अनिवार्य: आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम

ई-कॉमर्स पर अब ‘देश का मूल’ फिल्टर अनिवार्य: आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम

भारत सरकार ने एक नया प्रस्ताव पेश किया है जिसके तहत सभी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स को यह अनिवार्य किया जाएगा कि वे अपने उत्पाद खोज फिल्टर में ‘देश का मूल’ (Country of Origin) विकल्प शामिल करें। यह कदम उपभोक्ताओं को उत्पाद के स्रोत के बारे में पारदर्शी जानकारी देने और देश में बने उत्पादों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उठाया गया है। प्रस्ताव का मकसद आर्थिक आत्मनिर्भरता की दिशा में ‘मेक इन इंडिया’ और ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियानों को और मज़बूत करना है।

स्थानीय उत्पादकों को बढ़ावा देने पर फोकस

उपभोक्ता मामले मंत्रालय द्वारा लीगल मेट्रोलॉजी (पैकेज्ड कमोडिटीज़) नियम, 2011 में संशोधन का यह प्रस्ताव तैयार किया गया है। इसके अनुसार, ई-कॉमर्स वेबसाइटों और ऐप्स पर यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उपभोक्ता उत्पादों को ‘देश के मूल’ के आधार पर खोज सकें। मंत्रालय का कहना है कि यह बदलाव भारतीय निर्माताओं को समान प्रतिस्पर्धा का अवसर देगा और उपभोक्ताओं को जागरूक निर्णय लेने में मदद करेगा।सरकार को उम्मीद है कि इस फिल्टर के लागू होने के बाद लोग घरेलू उत्पादों को प्राथमिकता देंगे, जिससे भारत की उत्पादन क्षमता और स्थानीय उद्योगों को सीधा लाभ मिलेगा।

अमेरिकी शुल्क वृद्धि और भारतीय निर्यातकों की चुनौती

यह प्रस्ताव ऐसे समय में आया है जब अमेरिका ने 27 अगस्त 2025 से कुछ भारतीय उत्पादों पर आयात शुल्क दोगुना कर 50% कर दिया है। इस वृद्धि का सबसे अधिक असर हस्तशिल्प, वस्त्र और चमड़ा उद्योगों पर पड़ा है, जो अमेरिकी बाजार पर निर्भर थे। बढ़ते शुल्क के कारण भारतीय कारीगरों और लघु उद्योगों पर भारी दबाव बन गया है, जिससे निर्यात क्षेत्र में अस्थिरता देखी जा रही है।

निर्यात बाजारों में विविधता लाने की रणनीति

अमेरिकी टैरिफ बढ़ोतरी के बाद भारत ने अपने व्यापारिक साझेदारों में विविधता लाने के लिए कदम बढ़ाए हैं। इसी कड़ी में भारतीय निर्यातकों का एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल चार दिवसीय रूस दौरे पर जा रहा है। इसका उद्देश्य रूस और अन्य उभरते हुए बाजारों में भारतीय उत्पादों की पहचान बनाना और पश्चिमी व्यापार बाधाओं से उत्पन्न नुकसान की भरपाई करना है। यह भारत की दीर्घकालिक रणनीति का हिस्सा है जिसमें वैश्विक बाजारों पर संतुलित निर्भरता और घरेलू निर्माण को सशक्त बनाना शामिल है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • लीगल मेट्रोलॉजी (पैकेज्ड कमोडिटीज़) नियम, 2011 भारत में लेबलिंग और पैकेजिंग के मानकों को नियंत्रित करता है।
  • प्रस्तावित संशोधन के तहत सभी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर ‘देश का मूल’ फिल्टर अनिवार्य होगा।
  • अमेरिका ने 27 अगस्त 2025 से कुछ भारतीय उत्पादों पर आयात शुल्क 25% से बढ़ाकर 50% कर दिया है।
  • यह कदम ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियानों से सीधे जुड़ा है।
Originally written on November 11, 2025 and last modified on November 11, 2025.

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