इंडिया मैरीटाइम वीक 2025: वैश्विक समुद्री नेतृत्व की ओर भारत का संकल्प

इंडिया मैरीटाइम वीक 2025: वैश्विक समुद्री नेतृत्व की ओर भारत का संकल्प

केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने मुंबई, महाराष्ट्र में ‘इंडिया मैरीटाइम वीक 2025’ का भव्य उद्घाटन किया। यह आयोजन भारत की समुद्री शक्ति, रणनीतिक स्थिति और वैश्विक कनेक्टिविटी को उजागर करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस मौके पर महाराष्ट्र, गुजरात, गोवा और ओडिशा के मुख्यमंत्री, केंद्र सरकार के मंत्री और देश-विदेश के सैकड़ों गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।

भारत का समुद्री क्षितिज: गेटवे ऑफ इंडिया से गेटवे ऑफ द वर्ल्ड तक

अमित शाह ने अपने संबोधन में कहा कि यह भारत का “मैरीटाइम मोमेंट” है, जो गेटवे ऑफ इंडिया को “गेटवे ऑफ द वर्ल्ड” में बदल रहा है। पिछले एक दशक में मैरीटाइम सेक्टर में संरचनात्मक सुधारों के चलते भारत वैश्विक समुद्री मानचित्र पर मजबूती से उभरा है। भारत की समुद्री सीमा 11,000 किमी से अधिक है और 13 तटीय राज्य एवं केंद्रशासित प्रदेश देश के GDP का लगभग 60% योगदान करते हैं।
भारत का 23.7 लाख वर्ग किमी का एक्सक्लूसिव इकोनॉमिक ज़ोन (EEZ) वैश्विक निवेशकों को आकर्षित करता है, जहाँ 80 करोड़ से अधिक लोग रहते हैं। यह सम्मेलन भारत के इस विशाल सामर्थ्य को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करने का माध्यम बन रहा है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • इंडिया मैरीटाइम वीक 2025 में 100+ देशों के प्रतिनिधि, 500+ कंपनियाँ और 1 लाख से अधिक प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।
  • इस आयोजन में ₹10 लाख करोड़ तक के निवेश अवसरों का अनुमान है।
  • प्रधानमंत्री मोदी की समुद्री दृष्टि तीन स्तंभों पर आधारित है: सुरक्षा, स्थिरता और आत्मनिर्भरता।
  • सागरमाला परियोजना के अंतर्गत 839 परियोजनाओं में से 272 पूरी हो चुकी हैं।
  • ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट और कोचीन शिपयार्ड में भारत का सबसे बड़ा डॉक बन रहा है।
  • हाल ही में 117 साल पुराने इंडियन पोर्ट्स बिल को आधुनिक संदर्भ में पुनः पारित किया गया है।

वैश्विक सहयोग और समावेशी विकास की दिशा में भारत

शाह ने कहा कि भारत प्रतिस्पर्धा में नहीं, बल्कि सहयोग में विश्वास करता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की समुद्री नीति — MAHASAGAR (Mutual And Holistic Advancement for Security And Growth Across Regions) — भारत के बढ़ते वैश्विक प्रभाव की प्रतीक बन चुकी है। भारत इंडो-पैसिफिक और ग्लोबल साउथ के बीच सेतु की भूमिका निभा रहा है।
भारत अब “ब्लू इकोनॉमी” के विकास, तटीय सुरक्षा, मछुआरों की सुरक्षा और हरित समुद्री भविष्य के निर्माण की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। समुद्री व्यापार का डिजिटलीकरण, नई जलमार्गों की घोषणा, पोर्ट हैंडलिंग में वृद्धि और टर्न-अराउंड-टाइम में कमी जैसे कदम इसे वैश्विक मानकों के करीब ला रहे हैं।

2047 तक वैश्विक समुद्री नेतृत्व का लक्ष्य

इंडिया मैरीटाइम वीक 2025 यह स्पष्ट करता है कि भारत 2047 तक वैश्विक समुद्री नेतृत्व की दिशा में ठोस प्रयास कर रहा है। समुद्री अवसंरचना, डिजिटल नवाचार, पोर्ट ऑटोमेशन और हरित विकास नीतियों के माध्यम से भारत न केवल अपनी समुद्री शक्ति का विस्तार कर रहा है, बल्कि वैश्विक समुद्री व्यापार में एक स्थायी और अग्रणी भूमिका के लिए तैयार हो रहा है।

Originally written on October 29, 2025 and last modified on October 29, 2025.

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