आर्सेलरमित्तल-निप्पॉन स्टील संयंत्र के लिए स्लरी पाइपलाइन को मिली स्वीकृति

आर्सेलरमित्तल-निप्पॉन स्टील संयंत्र के लिए स्लरी पाइपलाइन को मिली स्वीकृति

इस्पात मंत्रालय ने आंध्र प्रदेश के अनाकापल्ली में प्रस्तावित आर्सेलरमित्तल निप्पॉन स्टील (AM/NS) परियोजना के समर्थन में स्लरी पाइपलाइन बिछाने को मंजूरी दे दी है। यह निर्णय उस समय आया है जब परियोजना को पर्यावरण मंत्रालय से पर्यावरणीय मंजूरी प्राप्त हुए अभी कुछ ही दिन हुए हैं। यह स्वीकृति इस्पात संयंत्र की स्थापना में एक और महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखी जा रही है।

पाइपलाइन स्वीकृति और कानूनी ढांचा

इस परियोजना के अंतर्गत दी गई मंजूरी “पेट्रोलियम और खनिज पाइपलाइन (भूमि में उपयोगकर्ता के अधिकारों का अधिग्रहण) अधिनियम, 1962” के अंतर्गत दी गई है। यह अधिनियम उन पाइपलाइन परियोजनाओं को भूमि के उपयोग का अधिकार प्रदान करता है जो खनिज या पेट्रोलियम से संबंधित हों। इस पाइपलाइन के माध्यम से छत्तीसगढ़ से ओडिशा के मलकानगिरी होते हुए आंध्र प्रदेश के अनाकापल्ली संयंत्र तक लौह अयस्क स्लरी पहुंचाई जाएगी।
पाइपलाइन मार्ग के विभिन्न क्षेत्रों के लिए मंत्रालय ने विशिष्ट प्राधिकारी नियुक्त किए हैं, जो अनुमतियों और भूमि-संबंधी प्रक्रियाओं का संचालन करेंगे।

ज़िला-स्तरीय क्रियान्वयन और भूमि प्रक्रिया

भारत सरकार की अधिसूचना के अनुसार, छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा और सुकमा, ओडिशा के मलकानगिरी तथा आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम, अनाकापल्ली और अल्लूरी सीताराम राजू जिलों के राजस्व अधिकारियों को परियोजना की निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
इस स्वीकृति के बाद भूमि अधिग्रहण की अधिसूचना, भूमि सर्वेक्षण, जन-सुनवाई और सरकार की औपचारिक अनुशंसा जैसे चरण अपनाए जाएंगे। इन प्रक्रियाओं का उद्देश्य परियोजना का पर्यावरणीय मानदंडों के तहत सफल कार्यान्वयन सुनिश्चित करना है।

पर्यावरण हितैषी लौह अयस्क परिवहन

यह स्लरी पाइपलाइन पारंपरिक रेल और सड़क परिवहन के स्थान पर एक हरित और लागत-प्रभावी विकल्प प्रदान करती है। इससे भारी वाहनों पर निर्भरता घटेगी, कार्बन उत्सर्जन कम होगा और परिवहन अवरोधन में भी कमी आएगी।
पाइपलाइन के माध्यम से कच्चा माल प्रस्तावित 17 मिलियन टन प्रति वर्ष (MTPA) क्षमता वाले इस्पात संयंत्र तक पहुंचाया जाएगा, जिसकी पहली चरण में 8.2 MTPA क्षमता का लक्ष्य रखा गया है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • • स्लरी पाइपलाइन छत्तीसगढ़ से आंध्र प्रदेश के अनाकापल्ली तक लौह अयस्क ले जाएगी।
  • • परियोजना को पेट्रोलियम और खनिज पाइपलाइन अधिनियम, 1962 के तहत स्वीकृति मिली है।
  • • पर्यावरण मंत्रालय ने इस परियोजना को पहले ही पर्यावरणीय मंजूरी प्रदान कर दी थी।
  • • प्रस्तावित इस्पात संयंत्र की कुल क्षमता 17 MTPA होगी, जिसमें पहला चरण 8.2 MTPA का होगा।
Originally written on November 7, 2025 and last modified on November 7, 2025.

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