आयुष सुरक्षा पोर्टल का शुभारंभ: पारंपरिक चिकित्सा में उपभोक्ता संरक्षण की दिशा में ऐतिहासिक कदम

आयुष सुरक्षा पोर्टल का शुभारंभ: पारंपरिक चिकित्सा में उपभोक्ता संरक्षण की दिशा में ऐतिहासिक कदम

केंद्रीय आयुष मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्री प्रतापराव जाधव ने आज नई दिल्ली स्थित आयुष भवन में आयुष सुरक्षा पोर्टल का औपचारिक शुभारंभ किया। यह पोर्टल आयुष क्षेत्र में पारदर्शिता, जवाबदेही और उपभोक्ता सुरक्षा को सुदृढ़ करने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम माना जा रहा है।

पोर्टल की विशेषताएँ और उद्देश्‍य

  • भ्रामक विज्ञापनों पर निगरानी: यह पोर्टल उपभोक्ताओं और पेशेवरों को भ्रामक विज्ञापनों के खिलाफ शिकायत दर्ज करने की सुविधा देता है।
  • दवाओं की प्रतिकूल प्रतिक्रियाओं की रिपोर्टिंग: आम नागरिक, स्वास्थ्यकर्मी और अधिकारी किसी भी Adverse Drug Reaction (ADR) को सीधे डिजिटल माध्यम से रिपोर्ट कर सकते हैं।
  • वास्तविक समय निगरानी और विश्लेषण: राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरणों, राष्ट्रीय फार्माकोविजिलेंस केंद्रों, और अन्य नियामक निकायों के साथ समन्वय कर यह पोर्टल डेटा को रीयल-टाइम में ट्रैक करता है।
  • पारदर्शी कार्रवाई: शिकायत की स्थिति, कार्यवाही की जानकारी, और अपडेट्स सार्वजनिक डैशबोर्ड पर उपलब्ध कराई जाती हैं।

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुरूप विकास

यह पोर्टल सुप्रीम कोर्ट के आदेश (30 जुलाई 2024, रिट याचिका संख्या 645/2022) के तहत तैयार किया गया है, जिसमें भ्रामक विज्ञापनों और ADR से संबंधित डेटा को ट्रैक करने के लिए एक केंद्रीकृत डैशबोर्ड की आवश्यकता जताई गई थी। मंत्रालय ने यह व्यवस्था जून 2025 की समयसीमा से पहले ही स्थापित कर दी है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • फार्माकोविजिलेंस: यह एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है जो दवाओं के उपयोग के दौरान उत्पन्न प्रतिकूल प्रभावों पर नजर रखती है।
  • CDSCO और CCPA: केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन और केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण अब आयुष निगरानी प्रणाली से एकीकृत हैं।
  • राष्ट्रीय फार्माकोविजिलेंस कार्यक्रम: यह कार्यक्रम भारत में सभी प्रकार की दवाओं की निगरानी के लिए चलाया जा रहा है, जिसमें अब आयुष को भी शामिल किया गया है।
  • CCRS की भूमिका: सिद्घ चिकित्सा परिषद ने तकनीकी सहायता देकर पोर्टल के निर्माण में अहम योगदान दिया है।
  • आयुष प्रणाली: इसमें आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्ध, होम्योपैथी, और प्राकृतिक चिकित्सा शामिल हैं।

आयुष सुरक्षा पोर्टल का शुभारंभ एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जिससे पारंपरिक चिकित्सा में सुरक्षा, प्रमाणिकता और उपभोक्ता हितों की रक्षा को एक नई दिशा मिलेगी। यह डिजिटल समाधान भारत के पारंपरिक स्वास्थ्य तंत्र में भरोसे को और मजबूत करेगा, साथ ही शासन में पारदर्शिता और नागरिक सहभागिता को भी बढ़ावा देगा।

Originally written on May 31, 2025 and last modified on May 31, 2025.

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