अज़ीम प्रेमजी का सम्बन्ध किस कंपनी से है?

देश के सबसे अग्रणी उद्योगपतियों में से एक अज़ीम प्रेमजी ने विप्रो से सेवानिवृत्ति की घोषणा कर दी है। वे विप्रो के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन तथा मैनेजिंग डायरेक्टर के रूप में सेवानिवृत्त होंगे। अज़ीम प्रेमजी ने जुलाई, 2019 के अंत तक सेवानिवृत्त हो जायेंगे। अज़ीम प्रेमजी के पुत्र रिषद प्रेमजी एग्जीक्यूटिव चेयरमैन के रूप में उनकी जगह लेंगे, रिषद अगले पांच वर्ष तक एग्जीक्यूटिव चेयरमैन बने रहेंगे। जबकि मैनेजिंग डायरेक्टर का कार्यभार सीईओ अबिदाली नीमचवाला संभालेंगे।

अज़ीम प्रेमजी

अज़ीम प्रेमजी का जन्म 24 जुलाई, 1945 को ब्रिटिश भारत के बॉम्बे में हुआ था। वे वर्तमान में विप्रो के चेयरमैन हैं। अज़ीम प्रेमजी ने अपने पिताजी के आकस्मिक निधन के बाद मात्र 21 वर्ष की आयु में विप्रो की कमान संभाली, इस समय विप्रो वनस्पति तेल का उत्पादन करती थी। अज़ीम प्रेमजी ने विप्रो का विविधिकरण किया तथा कई अन्य उत्पाद लांच की। 1980 के दशक में उन्होंने विप्रो को आईटी सेक्टर से जोड़ा। वर्तमान समय में विप्रो देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनियों में से एक है।

विप्रो

विप्रो भारत की बहुराष्ट्रीय कम्पनी है, इसकी स्थापना 29 दिसम्बर, 1945 को मोहम्मद हाशिम प्रेमजी द्वारा की गयी थी। इसका मुख्यालय बंगलुरु में स्थित है। शुरू में यह कंपनी वनस्पति व रिफाइंड तेल का उत्पादन करती थी। 1966 में अज़ीम प्रेमजी 21 वर्ष की आयु में विप्रो के चेयरमैन बने, उन्होंने विप्रो का कायाकल्प बड़े पैमाने पर किया। अब विप्रो देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनियों में से एक है। विप्रो पर्सनल केयर उत्पाद, फर्नीचर, हेल्थकेयर तथा रौशनी से सम्बंधित उत्पादों का निर्माण करती है। इसके अलावा विप्रो आईटी सेवा, आउटसोर्सिंग, कंसल्टिंग तथा डिजिटल स्ट्रेटेजी जैसी सेवायें भी प्रदान करती है। विप्रो में 1,70,000 से अधिक कर्मचारी कार्य करते हैं। 2019 में कंपनी की टोटल इक्विटी 8.25 अरब डॉलर है।

Originally written on June 9, 2019 and last modified on June 9, 2019.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *