अरुणाचल प्रदेश के डोंग गांव में होगा देश का पहला ‘सनराइज़ फेस्टिवल’

भारत के पूर्वोत्तर कोने में स्थित अरुणाचल प्रदेश का डोंग गांव, जहां देश की धरती पर सबसे पहले सूरज की किरणें पड़ती हैं, अब एक अनूठे उत्सव का साक्षी बनने जा रहा है। मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने घोषणा की है कि डोंग गांव में 29 दिसंबर 2025 से 2 जनवरी 2026 तक पांच दिवसीय ‘सनराइज़ फेस्टिवल’ का आयोजन किया जाएगा। यह आयोजन पर्यटन को बढ़ावा देने, साहसिक यात्रियों को आकर्षित करने और क्षेत्र की सांस्कृतिक समृद्धि को उजागर करने के उद्देश्य से किया जा रहा है।

डोंग: भारत की पहली सूर्योदय भूमि

डोंग गांव अरुणाचल प्रदेश के अंजॉ जिले में स्थित है, जो भारत, चीन और म्यांमार की सीमा पर बसा हुआ है। समुद्र तल से 1,240 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह गांव अपने अनोखे भूगोल के कारण भारत में सबसे पहले सूर्योदय देखने वाला स्थान माना जाता है। यहां से नए साल का पहला सूरज देखना एक दुर्लभ अनुभव होगा, जिसे यह उत्सव एक भव्य अवसर में तब्दील करेगा।
मुख्यमंत्री खांडू ने सोशल मीडिया पर लिखा, “अंजॉ जिले के वालॉन्ग में उतरा और अब डोंग की ओर रवाना हो रहा हूं — वह स्थान जहां भारत की धरती पर पहली सूर्य किरण पड़ती है।” उन्होंने लोगों को आमंत्रित करते हुए कहा, “आइए, ‘सनराइज़ फेस्टिवल’ में हिस्सा लीजिए और नववर्ष का स्वागत कीजिए सूरज की पहली किरण के साथ।”

उत्सव की विशेषताएं और पर्यटन की संभावनाएं

राज्य पर्यटन विभाग के अनुसार, इस उत्सव में पारंपरिक व्यंजन, साहसिक गतिविधियाँ, सांस्कृतिक कार्यक्रम, इको-टूरिज़्म और स्थानीय जीवनशैली की झलक देखने को मिलेगी। यह आयोजन अरुणाचल की सांस्कृतिक विविधता और प्राकृतिक सौंदर्य को उजागर करेगा।
डोंग तक पहुंचने के लिए निकटतम हवाई अड्डा तेजू (200 किमी) और डिब्रूगढ़ (360 किमी) है, जबकि निकटतम बड़ा रेलवे स्टेशन असम के तिनसुकिया (310 किमी) में स्थित है। केंद्र और राज्य सरकार की पहल से क्षेत्र में एयर कनेक्टिविटी में भारी सुधार हुआ है, जिससे अब इन दूरस्थ स्थानों तक पहुँचना पहले की तुलना में कहीं अधिक आसान हो गया है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • डोंग गांव, भारत का सबसे पूर्वी गांव है, जहाँ प्रतिदिन सबसे पहले सूर्योदय होता है।
  • अंजॉ जिला भारत, चीन और म्यांमार की सीमाओं पर स्थित एक रणनीतिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण जिला है।
  • UDAN योजना केंद्र सरकार की एक प्रमुख पहल है जो पूर्वोत्तर भारत में एयर कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए कार्य कर रही है।
  • हाल ही में नॉर्थ ईस्ट एविएशन समिट 2025 का आयोजन ईटानगर में हुआ, जहां पूर्वोत्तर क्षेत्र की परिवहन चुनौतियों और अवसरों पर चर्चा हुई।

नए साल का अनोखा अनुभव

‘सनराइज़ फेस्टिवल’ केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि एक दुर्लभ अवसर है जब पर्यटक भारत की पहली सूरज की किरणों के साथ नए साल का स्वागत कर सकते हैं। अरुणाचल प्रदेश की प्राकृतिक सुंदरता, शांति, सांस्कृतिक विरासत और अब बेहतर कनेक्टिविटी, इस उत्सव को न केवल राज्य बल्कि पूरे देश के पर्यटन मानचित्र पर एक विशेष स्थान दिला सकती है।
इस पहल से यह स्पष्ट है कि अरुणाचल प्रदेश न केवल सीमावर्ती राज्य है, बल्कि पर्यटन, सांस्कृतिक विरासत और आत्मनिर्भरता की दिशा में भी एक प्रेरणास्रोत बन रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *