अब तक के सबसे गर्म तीन वर्ष: WMO की चेतावनी और जलवायु संकट की गंभीरता

अब तक के सबसे गर्म तीन वर्ष: WMO की चेतावनी और जलवायु संकट की गंभीरता

विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) की हालिया रिपोर्ट “State of the Global Climate Update 2025” ने यह स्पष्ट कर दिया है कि 2023 से लेकर 2025 तक की अवधि, और 2015 से 2025 का दशक, अब तक के सबसे गर्म समय रहे हैं। वैश्विक तापमान अब औद्योगीकरण से पहले की तुलना में औसतन 1.4°C अधिक हो गया है, जिससे जलवायु परिवर्तन के खतरे पहले से कहीं अधिक गहराते दिख रहे हैं।

महासागर और ध्रुवीय क्षेत्रों में हो रहे गंभीर बदलाव

रिपोर्ट में बताया गया है कि महासागर रिकॉर्ड स्तर की गर्मी अवशोषित कर रहे हैं, जिससे तापमान में वृद्धि और मौसम की चरम स्थितियाँ और भी तेज हो गई हैं। आर्कटिक सागर की बर्फ का सर्दियों में न्यूनतम विस्तार दर्ज किया गया, जबकि अंटार्कटिका की बर्फ भी औसत से काफी कम रही। समुद्र तल की ऊंचाई लगातार बढ़ रही है, जो गर्म होते समुद्रों और पिघलते ग्लेशियरों का परिणाम है। हालाँकि ला नीना जैसे मौसमीय प्रभावों के कारण इसमें कभी-कभी अस्थायी गिरावट देखी जाती है।

तापमान के रिकॉर्ड और एल नीनो प्रभाव

जनवरी से अगस्त 2025 के बीच औसत सतही तापमान, औद्योगिक-पूर्व स्तरों से 1.42°C अधिक रहा। जून 2023 से अगस्त 2025 तक की 26 महीनों की अवधि में लगातार लगभग हर महीने गर्मी के रिकॉर्ड टूटे। 2023 और 2024 में एल नीनो की स्थिति ने वैश्विक तापमान को और बढ़ाया, जबकि 2025 में यह स्थिति तटस्थ या ला नीना में बदल गई। इसके बावजूद तापमान असामान्य रूप से उच्च बना रहा, जो मानवजनित जलवायु परिवर्तन की स्थायी प्रकृति को दर्शाता है।

समुद्र तल की वृद्धि और ग्लेशियरों का पिघलना

2025 में महासागरों की ऊष्मा-सामग्री ने पिछले वर्षों के रिकॉर्ड को पार कर लिया है। यह महासागर अब ग्रीनहाउस गैसों से उत्पन्न 90 प्रतिशत से अधिक अतिरिक्त ऊष्मा को अवशोषित कर रहे हैं। समुद्र तल की वृद्धि की दर 1990 के दशक के 2.1 मिमी प्रतिवर्ष से बढ़कर 2016 से अब 4.1 मिमी प्रतिवर्ष हो गई है। 2023–2024 की जलवर्ष अवधि लगातार तीसरा वर्ष था जब ग्लेशियरों ने भारी मात्रा में बर्फ खोई — लगभग 450 गीगाटन — जो 1950 के बाद सबसे अधिक है और जिससे समुद्र स्तर में 1.2 मिमी की वृद्धि हुई।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • WMO के अनुसार 2023–2025 अब तक का सबसे गर्म तीन वर्षीय कालखंड रहा है।
  • वैश्विक तापमान अब औद्योगिक-पूर्व स्तर से औसतन 1.4°C अधिक है।
  • समुद्र तल की वृद्धि 1990 के दशक में 2.1 मिमी/वर्ष से बढ़कर अब 4.1 मिमी/वर्ष हो गई है।
  • 2023–2024 में 450 गीगाटन बर्फ पिघली, जिससे समुद्र तल 1.2 मिमी बढ़ा।
  • 2024 में CO₂ की सांद्रता 423.9 ppm रही — औद्योगिक युग से 53% अधिक।

जलवायु परिवर्तन की दिशा और आवश्यक वैश्विक कदम

WMO की महासचिव सेलेस्टे साउलो ने चेतावनी दी कि तापमान को 1.5°C पर सीमित करना अब और अधिक कठिन होता जा रहा है, और इसमें अस्थायी रूप से पार जाना लगभग निश्चित दिख रहा है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने बेलें जलवायु सम्मेलन (COP30) में वैश्विक उत्सर्जन में शीघ्र कटौती की अपील की, यह कहते हुए कि हर साल जब तापमान 1.5°C से ऊपर रहेगा, असमानता बढ़ेगी और अर्थव्यवस्थाएं कमजोर होंगी।

Originally written on November 7, 2025 and last modified on November 7, 2025.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *