स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25: इंदौर, सूरत और नवी मुंबई फिर बने भारत के सबसे स्वच्छ शहर

स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 के नतीजों में इंदौर, सूरत और नवी मुंबई ने एक बार फिर स्वच्छता के क्षेत्र में अपना परचम लहराया है। इन तीनों शहरों को “सुपर स्वच्छ लीग” श्रेणी में क्रमशः पहला, दूसरा और तीसरा स्थान मिला है — यह श्रेणी उन शहरों को सम्मानित करती है जिन्होंने स्वच्छता में लगातार उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने गुरुवार को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में इन पुरस्कारों को प्रदान किया।
उभरते स्वच्छ शहर और विशेष सम्मान
विजयवाड़ा चौथे स्थान पर रहा, जबकि अहमदाबाद, भोपाल और लखनऊ को “नई पीढ़ी के स्वच्छ शहर” घोषित किया गया। प्रयागराज को ‘सर्वश्रेष्ठ गंगा टाउन’ घोषित किया गया, और ‘महाकुंभ’ में 66 करोड़ श्रद्धालुओं के बीच सफल अपशिष्ट प्रबंधन के लिए उत्तर प्रदेश सरकार, प्रयागराज मेला अधिकारी और नगर निगम को विशेष सम्मान दिया गया।
विशाखापत्तनम, जबलपुर और गोरखपुर को ‘बेस्ट सफाईमित्र सुरक्षित शहर’ का पुरस्कार दिया गया — यह पुरस्कार स्वच्छता कर्मियों की सुरक्षा और सम्मान को प्राथमिकता देने के लिए दिया गया।
नागरिक भागीदारी और नवाचार की सराहना
राष्ट्रपति मुर्मु ने “वेस्ट इज़ बेस्ट” विषय की सराहना करते हुए इसे शहरी विकास में परिपत्रता (circularity) बढ़ाने वाला बताया। उन्होंने 3R — Reduce, Reuse, Recycle — सिद्धांत को जन-जन तक पहुंचाने, युवाओं को सशक्त करने और हरित रोजगार व नवाचार को बढ़ावा देने का आह्वान किया।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- “सुपर स्वच्छ लीग” में इंदौर, सूरत और नवी मुंबई को क्रमशः टॉप तीन स्थान मिले।
- प्रयागराज को ‘बेस्ट गंगा टाउन’ और NDMC को 50,000 से 3 लाख जनसंख्या वर्ग में ‘सुपर स्वच्छ लीग सिटी’ पुरस्कार मिला।
- दिल्ली नगर निगम (MCD) को 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले 40 शहरों में 31वां स्थान मिला; मुंबई और चेन्नई इससे भी पीछे रहे।
- नोएडा ने 3-10 लाख आबादी वर्ग में ‘सुपर स्वच्छ लीग सिटी’ का पुरस्कार जीता; गुरुग्राम को 41वां स्थान मिला।
- कुल 78 पुरस्कार विभिन्न शहरों, छावनियों और संस्थाओं को दिए गए।
नयी पहलें और भविष्य की दिशा
केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने ‘स्वच्छ सिटी पार्टनरशिप’ की शुरुआत की, जिसमें 78 शीर्ष शहर एक-एक पिछड़े शहर को ‘मेंटर’ के रूप में अपनाएंगे। “Each One Clean One” के नारे के साथ यह पहल सहयोग आधारित विकास को बढ़ावा देगी।
इसके साथ ही ‘Accelerated Dumpsite Remediation Programme’ की भी घोषणा हुई, जो 15 अगस्त से शुरू होकर एक वर्ष में पुराने कचरे के निष्पादन को गति देगा।
निष्कर्ष: स्वच्छता से ‘विकसित भारत’ की ओर
स्वच्छ भारत मिशन के 10 वर्षों के बाद, यह सर्वेक्षण स्पष्ट रूप से दिखाता है कि कैसे नागरिक भागीदारी, नवाचार, और नीति सहयोग के माध्यम से भारत स्वच्छता के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों तक पहुंच रहा है। “एक शहर, एक पुरस्कार” जैसे समावेशी मूल्यांकन ने छोटे शहरों को भी मंच पर लाकर, स्वच्छ भारत को जनांदोलन बना दिया है — जो अब ‘विकसित भारत 2047’ की ओर अग्रसर है।