प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) में सुधार की दिशा में सरकार का बड़ा कदम: अपात्र लाभार्थियों की पहचान शुरू

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) में सुधार की दिशा में सरकार का बड़ा कदम: अपात्र लाभार्थियों की पहचान शुरू

भारत सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के अंतर्गत अपात्र लाभार्थियों को हटाने और सही पात्रों को लाभ पहुंचाने की दिशा में एक बड़ा सुधारात्मक अभियान शुरू किया है। खाद्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को निर्देशित किया है कि वे फिर से सत्यापन (re-verification) कर यह सुनिश्चित करें कि केवल वे लोग ही योजना का लाभ लें जो इसके न्यूनतम पात्रता मानकों को पूरा करते हैं।

क्या है PMGKAY?

PMGKAY, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA), 2013 के अंतर्गत चलने वाली एक केंद्रीय योजना है, जिसके तहत देश के लगभग 80 करोड़ से अधिक लोगों को प्रतिमाह 5 किलो मुफ्त अनाज (चावल या गेहूं) प्रदान किया जाता है। इसके तहत अंत्योदय अन्न योजना (AAY) परिवारों को 35 किलो अनाज भी मिलता है।

क्यों हो रही है लाभार्थियों की समीक्षा?

  • लाभार्थी सूची 10 साल पुरानी है, जिसकी पुनः समीक्षा आवश्यक है।
  • सरकार ने आयकर, परिवहन, कॉरपोरेट मामलों, PM-KISAN जैसी केंद्रीय डेटाबेस से मिलान कर पाया कि लगभग 10% लाभार्थी ऐसे हैं जो अब पात्र नहीं हैं (जैसे करदाता, कार मालिक, कंपनी निदेशक आदि)।
  • कुछ लाभार्थी कई महीनों से अपना राशन नहीं उठा रहे थे।
  • राज्यों को निर्देश दिए गए हैं कि वे जमीनी स्तर पर सत्यापन (field verification) कर अपात्र लाभार्थियों को हटाएं और नई पात्र आबादी को जोड़ें।

किन राज्यों ने उठाया पहले कदम?

  • राजस्थान: 28 लाख अपात्र लाभार्थियों को हटाया, “स्वैच्छिक छोड़ो” अभियान के जरिए।
  • ओडिशा: 7 लाख लाभार्थियों को हटाया, जिनमें मृतक और उच्च आय वाले शामिल थे।
  • मध्यप्रदेश सहित कई राज्यों ने राशन कार्डों की समीक्षा प्रक्रिया शुरू की है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • NFSA कवरेज: ग्रामीण आबादी का 75% और शहरी आबादी का 50%
  • AAY लाभार्थी: लगभग 2 करोड़ परिवार, जिन्हें 35 किलो अनाज मिलता है
  • 2025-26 में खाद्यान्न सब्सिडी का बजट: ₹2.03 लाख करोड़
  • इ-कायसी (e-KYC) पूरा हो चुका है: 83% लाभार्थियों का आधार सत्यापन
  • राशन कार्डों की आधार सीडिंग: 20.4 करोड़ परिवार

क्या है सरकार की रणनीति?

  • “कोई कटौती नहीं” नीति: अपात्र को हटाकर नए पात्रों को जोड़ा जाएगा।
  • डिजिटल समेकन: सभी कार्ड, लाभार्थी और ट्रांजैक्शन को एकीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाया जा रहा है।
  • ग्रामीण सहकारी भंडारण परियोजना: ₹1.25 लाख करोड़ की योजना के तहत अनाज भंडारण और वितरण तंत्र को आधुनिक बनाया जा रहा है।

विवाद और जवाब

पंजाब के मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार पर 5.5 मिलियन लाभार्थियों का राशन रोकने की साजिश का आरोप लगाया था। इस पर केंद्रीय खाद्य मंत्री ने स्पष्ट किया कि यह सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार अनिवार्य eKYC का पालन है और पात्रता का निर्धारण राज्य सरकार की जिम्मेदारी है।

निष्कर्ष

PMGKAY में अपात्र लाभार्थियों को हटाना और वास्तविक जरूरतमंदों को जोड़ना सरकारी संसाधनों के न्यायपूर्ण उपयोग की दिशा में एक अत्यंत आवश्यक और साहसिक कदम है। यह न केवल खाद्य सब्सिडी के बोझ को कम करेगा, बल्कि कृषि अनुसंधान, सिंचाई, पोषक फसलों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में निवेश के लिए अतिरिक्त संसाधन उपलब्ध कराएगा। अगर यह अभियान सफल होता है, तो यह भारत के सार्वजनिक वितरण तंत्र (PDS) में एक ऐतिहासिक सुधार माना जाएगा।

Originally written on September 2, 2025 and last modified on September 2, 2025.

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