कोयला खदानों के लिए सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम लांच किया गया
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में कोयला खदानों के लिए “सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम” लॉन्च किया।
सिंगल विंडो क्लियरेंस सिस्टम
‘कोयला खदानों के लिए सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम’ एक ऑनलाइन प्लेटफार्म है, इसके द्वारा कोयला खदानों के सुचारू संचालन के लिए मंजूरी प्राप्त की जा सकती है। यह कोयला क्षेत्र सुधार के लिए भारत सरकार का एक प्रमुख कदम है।
कोयला क्षेत्र में हालिया सुधार
भारत सरकार ने हाल ही में कोयला क्षेत्र में कई सुधार किए हैं। वे इस प्रकार हैं :
- निजी क्षेत्र को दिए गए पचास ब्लॉकों के साथ कोयले के वाणिज्यिक खनन की अनुमति दी गई।
- राजस्व साझाकरण के आधार पर निजी कंपनियों को कोल ब्लॉक की पेशकश की गई।
- कोल बेड मीथेन निष्कर्षण अधिकारों को कोल इंडिया की कोयला खदानों से नीलाम किया जायेगा।
कोयला क्षेत्र में सुधार के कारण
देश में कोयला आयात को कम करने के लिए कोयला क्षेत्र में सुधार किए गए। गौरतलब है कि भारत दुनिया में कोयले का चौथा सबसे बड़ा उत्पादक है, इसके बावजूद भी भारत दुनिया में कोयले का दूसरा सबसे बड़ा आयातक है। इसलिए, कोयला क्षेत्र के सुधारों को पेश किया गया ताकि भारत को कोयला क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाया जा सके।
कोयला क्षेत्र सुधारों के लाभ
1973 में, कोयला क्षेत्र का राष्ट्रीयकरण किया गया था। इसका मतलब यह था कि घरेलू कोयले का खनन केवल सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों द्वारा ही किया जा सकता है। हालांकि, कोयले की मांग तेजी से बढ़ती रही। इसकी वजह से कोयले का आयात बढ़ा। 2009 और 2014 के बीच कोयले का आयात 23% था। कोयले के वाणिज्यिक खनन से कोयला उत्पादन को बढ़ाने में मदद मिलेगी। वाणिज्यिक कोयला खनन से निवेश के अवसर बढ़ेंगे और विदेशी मुद्रा की बचत होगी।
कोल बेड मिथेन क्या है?
यह कोल बेड से निकाली जाने वाली प्राकृतिक गैस का एक रूप है।
भारत में कोल बेड मीथेन भंडार कितना हैं?
2,600 बिलियन क्यूबिक मीटर।
भारत में कोल बेड मिथेन भंडार कहाँ पाए जाते हैं?
पूर्वी भारत के गोंडवाना तलछटों में कोल बेड मीथेन के भंडार पाए जाते हैं।