WHO ने HIV रोकथाम के लिए नई गाइडलाइंस जारी की, ‘लेनाकापाविर’ को उच्च जोखिम समूहों के लिए सुझाया

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 14 जुलाई 2025 को किगाली, रवांडा में आयोजित 13वीं इंटरनेशनल एड्स सोसाइटी कॉन्फ्रेंस (IAS 2025) में वैश्विक HIV रोकथाम प्रयासों को मज़बूती देने हेतु अपडेटेड दिशानिर्देश जारी किए। इनमें लेनाकापाविर नामक नई लंबी अवधि की एंटीरेट्रोवायरल दवा को प्राथमिक रोकथाम साधन के रूप में सुझाया गया है, विशेषकर उच्च जोखिम वाले समुदायों के लिए।
क्या है लेना कापाविर?
लेनाकापाविर (LEN) एक कैप्सिड इनहिबिटर वर्ग की लंबी अवधि की HIV दवा है, जिसे नई दिल्ली स्थित गिलियड साइंसेज़ ने विकसित किया है। यह HIV वायरस के जीवनचक्र के कई चरणों को बाधित कर कार्य करता है। इस दवा को 2022 में उपचार हेतु और 2024 में प्री-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस (PrEP) के रूप में मंजूरी मिली थी। यह दुनिया की पहली ऐसी HIV PrEP दवा है जिसे केवल साल में दो बार इंजेक्शन के रूप में लिया जा सकता है।
WHO की सिफारिश और महत्व
WHO के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस अधनोम घेब्रेयेसुस ने कहा, “हालांकि HIV का टीका अब तक नहीं मिल पाया है, लेकिन लेना कापाविर एक लंबी अवधि की प्रिवेंशन दवा है जिसने ट्रायल्स में लगभग पूर्ण सुरक्षा दी है।” WHO का मानना है कि यह दवा खासतौर पर उन लोगों के लिए कारगर है जो प्रतिदिन की गोलियों या सीमित स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच में बाधाओं से जूझ रहे हैं।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- लेना कापाविर की कीमत अमेरिका में $28,218 प्रति वर्ष है — यह मौजूदा PrEP उपचारों के समान है।
- Gilead Sciences ने Global Fund के साथ समझौता किया है जिसके तहत दवा लागत मूल्य पर, बिना लाभ के उपलब्ध कराई जाएगी।
- 2024 में वैश्विक स्तर पर लगभग 1.3 मिलियन नए HIV संक्रमण दर्ज किए गए।
- ट्रम्प सरकार द्वारा USAID और PEPFAR जैसे HIV फंडिंग कार्यक्रमों में कटौती के कारण नाइजीरिया में PrEP लेने वालों की संख्या 40,000 से घटकर 7,000 हो गई (UNAIDS, 2025)।
नई चुनौतियाँ और समाधान
WHO की नई रणनीति के अंतर्गत रैपिड टेस्टिंग किट्स के ज़रिए सरल HIV जांच को बढ़ावा देने की सिफारिश की गई है, ताकि लेना कापाविर और कैबोटेग्राविर जैसी दवाओं की पहुंच अधिक से अधिक लोगों तक हो सके। साथ ही, फार्मेसियों, क्लीनिकों और टेलीहेल्थ के ज़रिए समुदाय-आधारित वितरण तंत्र की भी योजना है।
हालांकि 60 निम्न और मध्यम आय वाले देशों में से 25 देशों ने अपने घरेलू HIV बजट बढ़ाने की योजना बनाई है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह वैश्विक सहायता में आई भारी कमी की भरपाई नहीं कर सकेगा।
लेनाकापाविर के ज़रिए WHO की यह पहल, HIV जैसी वैश्विक महामारी के विरुद्ध लड़ाई में एक बड़ा कदम है। लेकिन इसकी सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि यह दवा ज़रूरतमंद समुदायों तक समय पर, सुलभ और सस्ते रूप में पहुंच पाती है या नहीं।