‘WEE इंडेक्स’ से महिला सशक्तिकरण की नई दिशा: भारत की आर्थिक आकांक्षाओं में नारीशक्ति की भूमिका

भारत की अर्थव्यवस्था में महिलाओं का योगदान मात्र 18% है, जबकि लगभग 19.6 करोड़ महिलाएं कार्यबल से बाहर हैं। यदि यह स्थिति बनी रही, तो भारत की $30 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था बनने की आकांक्षा अधूरी रह जाएगी। ऐसे में सवाल केवल अवसर निर्माण का नहीं, बल्कि यह भी है कि ये अवसर दिखें, मापे जाएं और नीतिगत निर्णयों में शामिल हों।
उत्तर प्रदेश की पहल: ‘WEE इंडेक्स’
उत्तर प्रदेश सरकार ने भारत का पहला Women’s Economic Empowerment (WEE) Index लॉन्च किया है — एक जिला-स्तरीय उपकरण जो महिलाओं की भागीदारी को पांच आर्थिक आयामों में ट्रैक करता है:
- रोज़गार
- शिक्षा और कौशल विकास
- उद्यमिता
- आजीविका और गतिशीलता
- सुरक्षा और समावेशी ढांचा
यह केवल एक डेटा टूल नहीं, बल्कि एक संकेत है कि अब हर विभाग, हर निर्णय और हर बजट में जेंडर लेंस शामिल करना आवश्यक है।
डेटा के ज़रिए सुधार: परिवहन से लेकर उद्यमिता तक
WEE इंडेक्स ने कैसे बदलाव की दिशा दिखाई:
- परिवहन विभाग ने महिला बस चालकों और परिचालकों की बेहद कम संख्या देखी। इसके बाद भर्ती रणनीतियों और बुनियादी ढांचे (जैसे टर्मिनलों में महिला शौचालय) में सुधार हुआ।
- कौशल विकास कार्यक्रमों में महिलाओं की भागीदारी 50% से अधिक है, लेकिन पंजीकृत महिला उद्यमियों की संख्या बेहद कम है। इसका कारण: वित्तीय पहुंच और क्रेडिट सिस्टम में बाधाएं।
इस प्रकार, WEE इंडेक्स केवल आंकड़े नहीं, संरचनात्मक बाधाओं की पहचान करता है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- भारत में महिला श्रम बल भागीदारी दर: 41.7%, लेकिन केवल 18% महिलाएं औपचारिक रोजगार में हैं।
- उत्तर प्रदेश पहला राज्य है जिसने WEE Index लॉन्च किया है।
- भारत की 2047 तक $30 ट्रिलियन GDP लक्ष्य को हासिल करने के लिए लैंगिक समावेश अनिवार्य है।
- महिलाएं कौशल प्रशिक्षण में प्रमुख हैं, लेकिन उद्यमिता और वित्त में पिछड़ रही हैं।