Vision IAS पर ₹11 लाख का जुर्माना: भ्रामक विज्ञापनों पर केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण की कड़ी कार्रवाई

Vision IAS पर ₹11 लाख का जुर्माना: भ्रामक विज्ञापनों पर केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण की कड़ी कार्रवाई

केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने Vision IAS को UPSC सिविल सेवा परीक्षा 2022 और 2023 में सफल उम्मीदवारों के संदर्भ में भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करने के लिए ₹11 लाख का जुर्माना लगाया है। यह कार्रवाई उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के अंतर्गत की गई, जिसमें संस्थान की वेबसाइट पर किए गए दावों की जांच के बाद यह निष्कर्ष निकला गया।

CCPA की जांच में क्या सामने आया?

Vision IAS ने दावा किया था कि 119 से अधिक उम्मीदवारों की सफलता में उसकी भूमिका रही है। लेकिन CCPA की जांच में पाया गया कि इनमें से केवल तीन छात्र ही संस्थान के फाउंडेशन कोर्स के पूर्ण रूप से नामांकित थे। बाकी 116 छात्रों ने केवल टेस्ट सीरीज़, मॉक इंटरव्यू या अन्य सीमित सेवाएँ ली थीं।

इससे यह स्पष्ट हुआ कि संस्थान ने सफल उम्मीदवारों की कोचिंग प्रकृति को छुपाया, जिससे यह आभास हुआ कि सभी अभ्यर्थियों को संस्थान ने प्रारंभिक से साक्षात्कार तक पूर्ण मार्गदर्शन दिया था।

अभ्यर्थियों और अभिभावकों पर प्रभाव

CCPA ने पाया कि Vision IAS ने जानबूझकर आवश्यक जानकारी छुपाई और भ्रामक तरीके से दर्शाया कि संस्थान की भूमिका व्यापक रही है। यह विज्ञापन विशेष रूप से उन छात्रों और अभिभावकों को गुमराह करते हैं जो फाउंडेशन कोर्स जैसी महँगी सेवाओं में नामांकन लेने के निर्णय ले सकते हैं।

पूर्व में भी उल्लंघन, अब सख्त रुख

यह पहला मौका नहीं है जब Vision IAS को चेतावनी दी गई हो। इससे पहले भी संस्थान को इसी प्रकार के भ्रामक विज्ञापनों को लेकर नियामक हस्तक्षेप का सामना करना पड़ा था। बावजूद इसके, संस्थान ने विज्ञापन जारी रखना जारी रखा, जो उचित सावधानी की कमी और कानून के प्रति उपेक्षा को दर्शाता है।

CCPA ने इसे “अनुचित व्यापार व्यवहार” माना और उपभोक्ता कानून के अंतर्गत कार्रवाई को उचित ठहराया।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 CCPA को भ्रामक विज्ञापनों के खिलाफ कार्रवाई का अधिकार देता है।
  • कोचिंग संस्थानों को कोर्स-वार नामांकन की सटीक जानकारी देना अनिवार्य है।
  • बिना स्पष्ट जानकारी के सफलता का दावा अनुचित व्यापार व्यवहार की श्रेणी में आता है।
  • जुर्माना और विज्ञापन को हटाने के निर्देश नियामकीय दंड में शामिल हैं।

कोचिंग विज्ञापनों पर व्यापक कार्रवाई

CCPA ने बताया कि अब तक देशभर के 57 कोचिंग संस्थानों को भ्रामक विज्ञापनों के लिए नोटिस जारी किए जा चुके हैं। इनमें से 28 संस्थानों पर ₹1 करोड़ से अधिक का जुर्माना लगाया गया है, साथ ही उन्हें ऐसे दावों से परहेज़ करने का निर्देश भी दिया गया है।

प्राधिकरण ने स्पष्ट किया कि छात्रों को सही और पारदर्शी जानकारी देना संस्थानों की जिम्मेदारी है, ताकि वे सचेत और सूचित निर्णय ले सकें।

यह कार्रवाई शिक्षा क्षेत्र में विज्ञापन नैतिकता को सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।

Originally written on December 28, 2025 and last modified on December 28, 2025.

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