UVIT की दशकभर की सफलता: भारत के खगोल मिशन में नया अध्याय

UVIT की दशकभर की सफलता: भारत के खगोल मिशन में नया अध्याय

भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान (IIA) ने अपने प्रमुख अंतरिक्ष उपकरण “अल्ट्रावायलेट इमेजिंग टेलीस्कोप” (UVIT) के सफल संचालन के 10 वर्ष पूरे होने का जश्न मनाया। यह टेलीस्कोप भारत के पहले बहुवैधिक अंतरिक्ष वेधशाला मिशन, “एस्ट्रोसेट” का प्रमुख हिस्सा है। बेंगलुरु में आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में UVIT की वैज्ञानिक उपलब्धियाँ, तकनीकी क्षमताएँ और भविष्य के UV अंतरिक्ष मिशनों के लिए इसकी भूमिका पर प्रकाश डाला गया।

एस्ट्रोसेट और UV खगोल विज्ञान में भारत की उपलब्धि

2015 में लॉन्च हुआ एस्ट्रोसेट भारत का पहला बहुवैधिक (multiwavelength) अंतरिक्ष वेधशाला मिशन है, जो पराबैंगनी (UV) से लेकर कठोर एक्स-रे तक का निरीक्षण करता है। UVIT को 30 नवंबर 2015 को सक्रिय किया गया और यह भारत का पहला UV अंतरिक्ष टेलीस्कोप बना। आज भी यह हबल स्पेस टेलीस्कोप के अलावा दुनिया के कुछ ही फॉर-UV अवलोकनक्षम संसाधनों में शामिल है।

UV खगोल विज्ञान के लिए अंतरिक्ष आधारित प्लेटफॉर्म जरूरी हैं क्योंकि पृथ्वी का वातावरण पराबैंगनी किरणों को अवशोषित कर लेता है। UVIT के दीर्घकालिक संचालन से इस क्षेत्र को गहरा लाभ मिला है।

डिजाइन, विकास और संचालन क्षमता

UVIT को IIA के होसकोटे परिसर में डिजाइन किया गया। इसमें दो सहसंरेखित टेलीस्कोप हैं — एक निकट UV और दृश्य पट्टी के लिए, तथा दूसरा दूर UV के लिए। यह मिशन राष्ट्रीय स्तर पर IIA, IUCAA, TIFR, ISRO के विभिन्न केंद्रों और कनाडाई अंतरिक्ष एजेंसी (CSA) के सहयोग से विकसित किया गया।

संवेदनशील उपकरणों की असेंबली के लिए IIA में विशेष MGK मेनन प्रयोगशाला और संचालन के लिए Payload Operation Centre स्थापित किया गया।

वैज्ञानिक खोजें और वैश्विक प्रभाव

UVIT की उच्च स्थानिक विभेदन क्षमता (1.5 arcseconds से बेहतर) और विस्तृत क्षेत्र-दृष्टि (wide field of view) ने इसे तारकीय जनसंख्या, आकाशगंगाओं और उच्च-ऊर्जा खगोलीय घटनाओं के अध्ययन का एक शक्तिशाली माध्यम बना दिया।

अब तक इसने 1,451 खगोलीय लक्ष्यों का अवलोकन किया है, जिससे लगभग 300 शोधपत्र और 19 पीएचडी शोध कार्य सामने आए हैं। प्रमुख खोजों में शामिल हैं:

  • Be तारों के गरम साथी तारों की खोज
  • नीले स्ट्रैग्लर तारों का अध्ययन
  • बौनी आकाशगंगाओं में विस्तारित UV डिस्क
  • ग्रहीय नीहारिकाओं की संरचनाएँ
  • एंड्रोमेडा आकाशगंगा में नोवा की घटनाएँ
  • रेडशिफ्ट 1.42 पर स्थित आकाशगंगाओं से UV उत्सर्जन

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • UVIT को 30 नवंबर 2015 को एस्ट्रोसेट मिशन के तहत सक्रिय किया गया था।
  • यह टेलीस्कोप 1.5 arcseconds से बेहतर स्थानिक विभेदन प्रदान करता है।
  • अब तक 1,451 खगोलीय लक्ष्य अवलोकित, लगभग 300 शोध पत्र प्रकाशित।
  • विकास में IIA, IUCAA, TIFR, ISRO और CSA की भागीदारी रही।

भविष्य की दिशा: INSIST मिशन की तैयारी

कार्यशाला में “INSIST” नामक प्रस्तावित अगली पीढ़ी की UV स्पेक्ट्रोस्कोपिक और इमेजिंग अंतरिक्ष वेधशाला के प्रारूप को प्रस्तुत किया गया। UVIT कार्यक्रम के दो दशकों के अनुभव को आधार बनाकर INSIST, भारत की UV खगोलविज्ञान क्षमता को वैश्विक मानकों तक ले जाने का लक्ष्य रखता है।

UVIT द्वारा एकत्रित अपडेटेड इमेज और डेटा ISRO के PRADAN प्लेटफॉर्म पर विज्ञान समुदाय के लिए उपलब्ध हैं, जिससे वैश्विक शोध को बढ़ावा मिल रहा है।

UVIT की यह दशकभर की यात्रा न केवल भारत की वैज्ञानिक क्षमताओं का प्रतीक है, बल्कि भविष्य के लिए एक सशक्त आधार भी बन चुकी है।

Originally written on December 8, 2025 and last modified on December 8, 2025.

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