UNESCO GEM रिपोर्ट 2024–25: शिक्षा में लैंगिक असमानता और नेतृत्व की चुनौतियाँ

यूनेस्को की ग्लोबल एजुकेशन मॉनिटरिंग (GEM) रिपोर्ट 2024-25 ने शिक्षा के क्षेत्र में वैश्विक और भारतीय परिप्रेक्ष्य में मौजूद लैंगिक असमानताओं और नेतृत्व संकट को उजागर किया है। रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया गया है कि भले ही प्राथमिक स्तर पर नामांकन दरों में बढ़ोतरी हुई हो, लेकिन सीखने के परिणामों और शैक्षणिक नेतृत्व में लैंगिक असंतुलन बना हुआ है।

पढ़ाई और गणित में लैंगिक अंतर

  • पढ़ने की दक्षता में लड़कों की कमी: वैश्विक स्तर पर हर 100 लड़कियों पर केवल 87 लड़के न्यूनतम पठन दक्षता प्राप्त कर पाते हैं। मध्यम-आय वाले देशों में यह अनुपात घटकर 72 लड़के प्रति 100 लड़कियों तक पहुँच जाता है।
  • गणित में महामारी के बाद बदलाव: दो दशकों से गणित में लैंगिक समानता बनी हुई थी, लेकिन कोविड-19 के बाद ब्राज़ील, इंग्लैंड, इटली और न्यूजीलैंड जैसे देशों में लड़कियों की प्रदर्शन में गिरावट देखी गई।

भारत में नेतृत्व में महिलाओं की स्थिति

  • विद्यालय स्तर पर नेतृत्व: भारत में प्राथमिक शिक्षा में 60% शिक्षक महिलाएँ हैं, लेकिन सभी प्रकार के स्कूलों में महिला प्रधानाचार्यों की संख्या काफी कम है।
  • उच्च शिक्षा में असमानता: 2021 में 189 राष्ट्रीय संस्थानों में केवल 5% महिला उप-कुलपति या निदेशक थीं। विस्तृत आंकड़े दिखाते हैं कि 1,220 विश्वविद्यालयों में केवल 9% उप-कुलपति और 11% रजिस्ट्रार महिलाएँ थीं।

वैश्विक परिदृश्य और तुलना

  • पाकिस्तान और बलूचिस्तान: केवल लड़कियों के स्कूलों में महिला प्रधानाचार्य की नियुक्ति की जाती है, जिससे नेतृत्व के अवसर सीमित हो जाते हैं। बलूचिस्तान में केवल 29% स्कूल ही लड़कियों के लिए थे।
  • वियतनाम: 2019 में विश्वविद्यालय नेतृत्व में महिलाओं की भागीदारी 28% रही, हालांकि केवल 8% महिला राष्ट्रपति या रेक्टर के पद पर थीं।

भारत में शिक्षा सुधारों की स्थिति

  • बढ़ता महिला शिक्षिकाओं का अनुपात: प्राथमिक स्कूलों में 60% से अधिक शिक्षिकाएँ कार्यरत हैं, जिससे लिंग-संवेदनशील शिक्षण वातावरण बनता है।
  • एनईपी 2020 के प्रयास: नई शिक्षा नीति में स्कूल प्रमुखों के लिए हर साल 50 घंटे का व्यावसायिक प्रशिक्षण अनिवार्य किया गया है, लेकिन अधिकांश राज्यों में इसका अनुपालन अधूरा है।
  • सीखने के परिणामों में गिरावट: ASER 2023 के अनुसार, कक्षा 3 के केवल 43% छात्र कक्षा 2 के स्तर का पाठ पढ़ सकते हैं। NAS 2021 में कक्षा 8 के केवल 25% छात्रों में गणित में न्यूनतम दक्षता पाई गई।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • शिक्षा में वैश्विक नेतृत्व: केवल 19% वैश्विक शिक्षा मंत्रियों के पद पर महिलाएँ हैं।
  • यूनेस्को का प्रयास: 100 से अधिक देशों ने शिक्षा नेतृत्व पर वैश्विक सर्वेक्षण में भाग लिया, जो यह दर्शाता है कि यह विषय अब वैश्विक प्राथमिकता बन चुका है।
  • नेतृत्व और सीखने के परिणामों का संबंध: कुछ अफ्रीकी देशों में महिला नेतृत्व वाले स्कूलों में छात्रों की सीखने की दर 1 वर्ष तक अधिक पाई गई।

आगे की दिशा

  • नेतृत्व विकास को संस्थागत रूप देना: स्कूल प्रमुखों के लिए अनिवार्य नेतृत्व प्रमाणन कार्यक्रम लागू किए जाएँ।
  • महिलाओं को नेतृत्व में बढ़ावा: शिक्षा प्रशासन में महिलाओं के लिए लक्षित नेतृत्व कार्यक्रम शुरू किए जाएँ।
  • सीखने के मापदंडों को सुदृढ़ करें: नामांकन आधारित निगरानी के स्थान पर ASER और NAS जैसे परिणाम-केंद्रित टूल्स अपनाएँ।
  • शिक्षक प्रशिक्षण में नेतृत्व जोड़ा जाए: पूर्व-सेवा और सेवा-पूर्व शिक्षक प्रशिक्षण में नेतृत्व आधारित पाठ्यक्रम शामिल किए जाएँ।
  • स्थानीय परामर्श मॉडल में निवेश: दिल्ली के मध्य नेतृत्व मॉडल जैसे प्रयासों को अन्य राज्यों में विस्तार दिया जाए।

UNESCO GEM रिपोर्ट भारत और अन्य देशों के लिए एक चेतावनी है कि केवल नामांकन और नीतिगत घोषणाओं से शिक्षा व्यवस्था नहीं सुधरती। सशक्त नेतृत्व, लैंगिक समावेशिता और सीखने के वास्तविक परिणामों पर ध्यान देना अब अनिवार्य है।

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