UN पर्यटन के “बेस्ट टूरिज़्म विलेज 2025” की घोषणा: इस बार भारत रहा सूची से बाहर
संयुक्त राष्ट्र पर्यटन (UN Tourism) ने “बेस्ट टूरिज़्म विलेज 2025” पुरस्कारों की घोषणा करते हुए 52 ग्रामीण स्थलों को नवाचार, स्थिरता और सांस्कृतिक संरक्षण में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया है। यह पुरस्कार समारोह चीन के हज़हू शहर में आयोजित किया गया, जिसमें 65 सदस्य देशों के गांवों को मान्यता दी गई। गौर करने योग्य बात यह रही कि इस बार सूची में भारत का कोई भी गांव शामिल नहीं हो पाया।
सतत ग्रामीण पर्यटन की वैश्विक मान्यता
यह पुरस्कार उन गांवों को दिए जाते हैं जो परंपरा और आधुनिक स्थिरता का संतुलन बनाए रखते हुए जिम्मेदार पर्यटन के माध्यम से स्थानीय विकास को बढ़ावा देते हैं। इस वर्ष 270 से अधिक आवेदनों में से चुने गए 52 गांव अफ्रीका, एशिया, अमेरिका, यूरोप और मध्य पूर्व के विभिन्न क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसके अतिरिक्त, 20 गांवों को “अपग्रेड प्रोग्राम” में शामिल किया गया है, जिससे इस वर्ष कुल 72 गांव इस पहल से जुड़े। अब तक वैश्विक “बेस्ट टूरिज़्म विलेज नेटवर्क” में कुल 319 गांव शामिल हो चुके हैं।
चयन के मापदंड और उद्देश्य
UN Tourism ने 2021 में “ग्रामीण विकास के लिए पर्यटन कार्यक्रम” के अंतर्गत इस पहल की शुरुआत की थी। गांवों का मूल्यांकन नौ प्रमुख मानदंडों पर किया जाता है — जिनमें पर्यावरणीय और सामाजिक स्थिरता, सांस्कृतिक संरक्षण, आर्थिक मजबूती, आधारभूत ढांचा और पर्यटन प्रबंधन शामिल हैं। इस पहल के तीन प्रमुख स्तंभ हैं: “मान्यता प्राप्त गांव”, “अपग्रेड प्रोग्राम”, और “नेटवर्क प्लेटफॉर्म” — जिनका उद्देश्य पर्यटन के ज़रिए आजीविका के अवसरों को बढ़ावा देना और वैश्विक स्तर पर ग्रामीण श्रेष्ठता का एक साझा मंच बनाना है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- “बेस्ट टूरिज़्म विलेज 2025” के तहत 52 गांवों को चुना गया।
- पुरस्कारों की घोषणा हज़हू, चीन में की गई, जो इस कार्यक्रम का पाँचवाँ संस्करण है।
- अब तक वैश्विक नेटवर्क में 319 गांव शामिल हो चुके हैं, जो 65 सदस्य देशों से हैं।
- भारत इस वर्ष सूची से बाहर रहा; पूर्व में पोचमपल्ली (तेलंगाना, 2021) और धोरडो (गुजरात, 2023) को यह सम्मान मिल चुका है।
2025 की प्रमुख विजेता गांव
इस वर्ष के विजेताओं में ब्लेड (स्लोवेनिया), पेमुटेरन (इंडोनेशिया), म्युजू (दक्षिण कोरिया), कोयासन (जापान), और एज़कारे (स्पेन) जैसे विविध गांव शामिल हैं। इन स्थलों ने दिखाया है कि सांस्कृतिक विरासत, प्रकृति संरक्षण और स्थानीय उद्यमिता किस प्रकार साथ मिलकर सतत पर्यटन को बढ़ावा दे सकते हैं।
“अपग्रेड प्रोग्राम” में जिन गांवों को शामिल किया गया है, उनमें दवा (चीन), क्विंटांडोना (पुर्तगाल), और ब्रिहुएगा (स्पेन) प्रमुख हैं, जिन्हें आने वाले वर्षों में मार्गदर्शन और तकनीकी सहायता दी जाएगी।
भारत की अनुपस्थिति और आगे की संभावनाएं
भारत की ग्रामीण सांस्कृतिक धरोहर और सामुदायिक पर्यटन में बढ़ती रुचि के बावजूद 2025 की सूची में कोई भी भारतीय गांव शामिल नहीं हुआ। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत को वैश्विक मानकों के अनुसार बेहतर दस्तावेज़ीकरण, स्थिरता मापदंडों का पालन और स्थानीय शासन के सहयोग से अपनी प्रस्तुतियाँ मजबूत करनी होंगी।
पूर्व विजेता पोचमपल्ली (हथकरघा शिल्प पर्यटन) और धोरडो (मरुस्थल पर्यटन) ने भारत की संभावनाओं को दिखाया है। 2026 में होने वाले अगले चक्र के लिए यह एक अवसर है कि भारत अपने ग्रामीण पर्यटन को विश्व स्तर पर स्थापित करने की दिशा में और सशक्त तैयारी करे।