SoLAR Phase II: कृषि में सौर ऊर्जा से जलवायु-स्थायित्व की दिशा में नया कदम

SoLAR Phase II: कृषि में सौर ऊर्जा से जलवायु-स्थायित्व की दिशा में नया कदम

कृषि क्षेत्र में स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए अंतरराष्ट्रीय जल प्रबंधन संस्थान (IWMI) और स्विस एजेंसी फॉर डेवलपमेंट एंड कोऑपरेशन (SDC) ने SoLAR Phase II की शुरुआत की है। यह बहु-देशीय पहल भारत, बांग्लादेश, केन्या और इथियोपिया में सामाजिक रूप से समावेशी और जलवायु-संवेदनशील सौर समाधान को गति देने का उद्देश्य रखती है। यह कार्यक्रम 2019 से 2024 तक चले पहले चरण के अनुभवों और परिणामों पर आधारित है।

SoLAR Phase I की उपलब्धियाँ

SoLAR Phase I के दौरान किए गए अध्ययनों ने यह साबित किया कि ग्रिड से जुड़े और ऑफ-ग्रिड दोनों प्रकार के सौर सिंचाई पंप तकनीकी और पर्यावरणीय दृष्टि से प्रभावी हैं। गुजरात में किए गए अनुसंधानों से यह पाया गया कि ग्रिड-लिंक्ड प्रणालियों से भूजल दोहन में वृद्धि नहीं हुई, बल्कि इनसे जलवायु पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा। इन प्रयोगों में शामिल किसानों ने कार्बन उत्सर्जन में उल्लेखनीय कमी हासिल की और ऊर्जा की बेहतर वापसी दर्ज की। मध्य प्रदेश में महिला उद्यमियों द्वारा संचालित परियोजनाओं ने सिंचाई की पहुंच और घरेलू आय में वृद्धि की दिशा में सराहनीय प्रगति की।

सौरकरण और राष्ट्रीय योजनाएँ

विकासशील देशों में सौर ऊर्जा के माध्यम से डीज़ल पंपों की जगह स्वच्छ और सस्ती ऊर्जा का प्रयोग कृषि क्षेत्र में बड़ा परिवर्तन ला रहा है। भारत में प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (PM-KUSUM) योजना के तहत अब तक 14 लाख से अधिक किसानों को लाभ मिला है। SoLAR परियोजनाओं से प्राप्त अंतर्दृष्टियाँ इस योजना के 2027 के अगले संस्करण के लिए नीति निर्माण में सहायक सिद्ध होंगी। ऑफ-ग्रिड सौर समाधान ने किसानों के ईंधन व्यय को घटाकर उनकी आजीविका को अधिक स्थिर बनाया है और जल तक पहुंच को बेहतर किया है।

SoLAR Phase II के लक्ष्य

SoLAR Phase II का उद्देश्य नीति-निर्माण में साक्ष्य-आधारित योजना, नवोन्मेषी वित्तीय मॉडल और संस्थागत क्षमता विकास को सुदृढ़ करना है। इस चरण में “लिविंग लैब्स” की अवधारणा अपनाई गई है, जहां स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप प्रयोगात्मक समाधान विकसित किए जाएंगे। साथ ही “SolaReady” नामक एक स्पेशियल निर्णय-सहायक उपकरण भी लॉन्च किया गया है, जो सौर सिंचाई के लिए उपयुक्त क्षेत्रों की पहचान कर जलवायु अनुकूलन, शमन और सतत भूजल उपयोग को प्रोत्साहित करेगा।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • SoLAR Phase II भारत, बांग्लादेश, केन्या और इथियोपिया में लागू किया जा रहा है।
  • SoLAR Phase I (2019–2024) में सौर सिंचाई पंपों से जलवायु लाभ सिद्ध हुए।
  • PM-KUSUM योजना से जुलाई 2025 तक 1.43 मिलियन किसानों को लाभ मिला।
  • “SolaReady” प्लेटफ़ॉर्म सौर सिंचाई की योजना बनाने के लिए विकसित किया गया है।

SoLAR Phase II अब एक विस्तारित बहुवर्षीय कार्यान्वयन चरण में प्रवेश कर चुका है, जिसका ध्यान कृषि में सौर सिंचाई को राष्ट्रीय जलवायु-स्थायित्व योजनाओं में समाहित करने पर है। इसका लक्ष्य है सतत भूजल उपयोग, सभी किसानों को समान अवसर, और जल-ऊर्जा-खाद्य तंत्र के बीच मजबूत समन्वय स्थापित करना। यह पहल न केवल ऊर्जा स्वतंत्रता की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि ग्रामीण समुदायों को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से अधिक सक्षम बनाने की दिशा में भी महत्वपूर्ण है।

Originally written on December 2, 2025 and last modified on December 2, 2025.

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