SEBI ने पेश किया ‘अपेक्षित नुकसान-आधारित’ रेटिंग पैमाना
भारतीय सुरक्षा विनिमय बोर्ड (Security Exchange Board of India – SEBI) ने “अपेक्षित हानि-आधारित रेटिंग पैमाने” (expected loss-based rating scale) के लिए एक नया ढांचा पेश किया है।
मुख्य बिंदु
- इस नए ढांचे के तहत, क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों को उन परियोजनाओं और उपकरणों के लिए अपेक्षित हानि-आधारित रेटिंग प्रदान करना आवश्यक है जो बुनियादी ढांचा क्षेत्र से जुड़े हैं।
- सेबी ने जो अपेक्षित हानि-आधारित रेटिंग पेश की, उसे सात स्तरों के पैमाने में विभाजित किया गया है।
- इस नए पैमाने का उपयोग क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों द्वारा बुनियादी ढांचा क्षेत्र से जुड़ी परियोजनाओं या उपकरणों को रेट करने के लिए किया जाएगा।
- रेटिंग स्केल के मानकीकरण से संबंधित प्रावधान को छोड़कर नवीनतम परिपत्र में सभी प्रावधान क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों के लिए ‘तत्काल प्रभाव’ से लागू होंगे।
- भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्डअधिनियम, 1992 की धारा 11(1) के तहत शक्तियों का प्रयोग करते हुए परिपत्र (circular) जारी किया गया था ।
नुकसान के सात स्तर
सेबी द्वारा निर्धारित नए पैमाने पर नुकसान के सात अपेक्षित स्तर में शामिल हैं :
- सबसे कम अपेक्षित नुकसान
- बहुत कम अपेक्षित नुकसान
- कम अपेक्षित नुकसान
- मध्यम अपेक्षित नुकसान
- उच्च अपेक्षित नुकसान
- बहुत अधिक अपेक्षित नुकसान
- सबसे ज्यादा अपेक्षित नुकसान।
रेटिंग पैमानों का मानकीकरण
रेटिंग पैमानों के उपयोग को मानकीकृत करने के लिए, रेटिंग एजेंसियों को अपने रेटिंग पैमानों को वित्तीय क्षेत्र के नियामक या प्राधिकरण द्वारा निर्धारित रेटिंग पैमानों के साथ संरेखित करने के लिए कहा गया है। दिशानिर्देशों के अभाव में, सेबी द्वारा निर्धारित रेटिंग पैमानों का पालन किया जाएगा।
क्रेडिट रेटिंग एजेंसी
वह कंपनी जो क्रेडिट रेटिंग प्रदान करती है और देनदार की ऋण चुकाने की क्षमता का मूल्यांकन करती है, उसे “क्रेडिट रेटिंग एजेंसी” के रूप में जाना जाता है।
Originally written on
July 17, 2021
and last modified on
July 17, 2021.