REDD+ परियोजनाओं में गिरावट: केवल 19% ने वनों की कटाई रोकने में पाई सफलता

REDD+ परियोजनाओं में गिरावट: केवल 19% ने वनों की कटाई रोकने में पाई सफलता

हाल ही में Science पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, उष्णकटिबंधीय वनों में चल रही कार्बन ऑफ़सेट परियोजनाओं में से केवल 19% ही वनों की कटाई को प्रभावी रूप से रोकने में सफल रही हैं। ये परियोजनाएँ REDD+ (Reducing Emissions from Deforestation and Degradation Plus) कार्यक्रम के अंतर्गत आती हैं, जिसका उद्देश्य विकासशील देशों को आर्थिक प्रोत्साहन देकर वनों को संरक्षित रखना और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करना है।

REDD+ परियोजनाओं की संरचना और भूमिका

REDD+ कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है वनों की कटाई और क्षरण से उत्पन्न ग्रीनहाउस गैसों (GHG) के उत्सर्जन को कम करना। इसके तहत सरकारों, संगठनों, समुदायों और व्यक्तियों को ऐसी गतिविधियों के लिए भुगतान किया जाता है जो जंगलों की रक्षा करती हैं। ये परियोजनाएँ “स्वैच्छिक कार्बन बाजार” में आती हैं, जहाँ कंपनियाँ अपने कार्बन फुटप्रिंट की भरपाई के लिए कार्बन क्रेडिट खरीदती हैं। एक कार्बन क्रेडिट का मतलब है एक टन CO2 उत्सर्जन की बचत या निष्कासन।
2021 में, इस बाजार का मूल्य लगभग $1.3 बिलियन था और भूमि उपयोग क्षेत्र (कृषि को छोड़कर) से 227.7 मिलियन ऑफ़सेट्स का व्यापार हुआ, जिसमें दो-तिहाई REDD+ परियोजनाओं से संबंधित था।

अध्ययन में क्या पाया गया?

अध्ययन में दक्षिण अमेरिका (ब्राज़ील, कोलंबिया, पेरू), अफ्रीका (कांगो, मोज़ाम्बिक, तंज़ानिया आदि), और दक्षिण-पूर्व एशिया (कंबोडिया और लाओस) की 54 REDD+ परियोजनाओं का विश्लेषण किया गया। इन सभी को Verra की Verified Carbon Standard से प्रमाणन प्राप्त है।
मुख्य निष्कर्ष:

  • केवल 19% परियोजनाएँ ही अपने लक्ष्य के अनुरूप वनों की कटाई रोक पाईं।
  • 17% परियोजनाओं में अपेक्षा से अधिक वन हानि दर्ज की गई, जैसे ब्राज़ील की Serra do Amolar और मेडागास्कर की Ankeniheny-Zahamena Corridor परियोजना।
  • लगभग एक-तिहाई परियोजनाओं में वनों की कटाई में उल्लेखनीय कमी आई, जैसे ब्राज़ील के Portel-Pará परियोजना में प्रति वर्ष 1,362.5 हेक्टेयर की कटौती हुई।

सफलता के बावजूद बड़ी चुनौतियाँ

हालांकि, नए अध्ययन में पहले की तुलना में अधिक सकारात्मक परिणाम मिले हैं—13.2% कार्बन क्रेडिट को “व्यापार योग्य” माना गया (पहले यह 6–7% था), फिर भी यह चिंता का विषय है कि कई परियोजनाएँ अपने जलवायु लाभ को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करती हैं।
इसका एक कारण यह है कि परियोजनाओं ने ऐतिहासिक वनों की कटाई की दरों के आधार पर भविष्य की जोखिमों का अनुमान लगाया, जबकि वास्तव में सामाजिक और राजनीतिक बदलावों का गहरा प्रभाव पड़ता है। उदाहरण के लिए, ब्राज़ील में राष्ट्रपति बोलसोनारो के शासन (2019–2021) के दौरान वनों की कटाई दोगुनी हो गई थी।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • REDD+ कार्यक्रम संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन फ्रेमवर्क (UNFCCC) के अंतर्गत आता है।
  • एक कार्बन क्रेडिट = 1 टन CO2 उत्सर्जन की बचत या निष्कासन के बराबर होता है।
  • Verra एक प्रमुख संगठन है जो REDD+ जैसी परियोजनाओं को मान्यता और प्रमाणन देता है।
  • उष्णकटिबंधीय वनों की हानि से हर साल लगभग 5 अरब मीट्रिक टन CO2 का उत्सर्जन होता है।
Originally written on October 17, 2025 and last modified on October 17, 2025.

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