RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने अंतरराष्ट्रीय भुगतानों में CBDC को प्रोत्साहित करने की अपील की
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने हाल ही में वाशिंगटन डीसी में आयोजित वर्ल्ड बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की वार्षिक बैठक में सभी देशों के केंद्रीय बैंकों से आग्रह किया कि वे स्थिरकॉइन (Stablecoins) के स्थान पर केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (CBDC) को बढ़ावा दें, विशेषकर सीमा-पार भुगतानों को सक्षम करने के लिए।
CBDC बनाम स्थिरकॉइन: RBI की स्पष्ट नीति
मल्होत्रा ने कहा कि जब तक अन्य देश भी CBDC को अपनाते नहीं हैं, तब तक अंतरराष्ट्रीय भुगतानों में इसका पूर्ण लाभ नहीं मिल सकेगा। उन्होंने इसे स्थिरकॉइनों की तुलना में बेहतर बताते हुए कहा कि “यह फ़िएट मुद्रा है, जिसे टोकनाइज़ किया जा सकता है, और यह ‘एकल मुद्रा की अखंडता’ प्रदान करता है।” RBI पहले ही खुदरा और थोक दोनों प्रकार के CBDC के पायलट परीक्षण कर रहा है।
स्थिरकॉइन, जो आमतौर पर अमेरिकी डॉलर जैसी संपत्तियों से जुड़ी निजी क्रिप्टोकरेंसी होती हैं, पर RBI की चिंता बनी हुई है। केंद्रीय बैंक का मानना है कि स्थिरकॉइन जैसे विकल्प भारत में डॉलरकरण (dollarisation) को बढ़ावा दे सकते हैं, जिससे देश की मौद्रिक नीति और पूंजी नियंत्रण कमजोर पड़ सकते हैं।
वित्त मंत्री का बदला दृष्टिकोण
गौरतलब है कि हाल ही में कौटिल्य आर्थिक सम्मेलन में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्थिरकॉइनों को लेकर अपेक्षाकृत सकारात्मक रुख दिखाया था। उन्होंने कहा था कि ऐसी नवाचारशील मुद्राएं वैश्विक मौद्रिक संरचना को बदल रही हैं और देशों को इस बदलाव के साथ खुद को ढालना होगा।
वैश्विक परिदृश्य में स्थिरकॉइन की बढ़ती स्वीकार्यता
- अमेरिका ने जून 2025 में GENIUS Act पारित किया, जो राष्ट्रीय स्तर पर स्थिरकॉइन नवाचार को प्रोत्साहन देता है।
- दक्षिण कोरिया और हांगकांग ने भी स्थिरकॉइन से संबंधित कानूनों की शुरुआत की है, जिससे निजी संस्थाएं स्थानीय मुद्रा आधारित स्थिरकॉइन जारी कर सकें।
- अमेरिका के वित्त मंत्री ने कहा है कि स्थिरकॉइन अमेरिकी डॉलर की वैश्विक स्थिति को सुदृढ़ कर सकते हैं और सरकारी उधारी लागत को घटा सकते हैं।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- CBDC (Central Bank Digital Currency) एक डिजिटल रूप होती है फ़िएट मुद्रा की, जिसे संबंधित देश का केंद्रीय बैंक जारी करता है।
- Stablecoins आमतौर पर निजी संस्थाओं द्वारा जारी की जाती हैं और किसी संपत्ति, जैसे अमेरिकी डॉलर, से जुड़ी होती हैं।
- भारत में RBI ने दिसंबर 2022 से CBDC के पायलट प्रोजेक्ट शुरू किए हैं – CBDC-R (रिटेल) और CBDC-W (थोक)।
- वर्तमान में Tether और USDC जैसे दो प्रमुख स्थिरकॉइन मिलकर वैश्विक $285 बिलियन बाजार का लगभग 90% हिस्सा रखते हैं।