NHRC का ऑनलाइन इंटर्नशिप कार्यक्रम: युवाओं को मानवाधिकारों की शिक्षा देने की पहल

भारत के राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने सितंबर 2025 के लिए अपना ऑनलाइन अल्पकालिक इंटर्नशिप कार्यक्रम (OSTI) आरंभ किया है। यह कार्यक्रम 22 सितंबर से 3 अक्टूबर 2025 तक आयोजित किया जा रहा है और इसमें देशभर से चयनित 80 छात्रों को भाग लेने का अवसर मिला है। कुल 896 आवेदनों में से चुने गए इन छात्रों का प्रतिनिधित्व 21 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से है, जो इस कार्यक्रम की व्यापकता और विविधता को दर्शाता है।

कार्यक्रम का उद्देश्य और विशेषताएँ

इस इंटर्नशिप का मुख्य उद्देश्य छात्रों को भारत में मानवाधिकारों की सुरक्षा और संवर्धन की प्रक्रिया की व्यापक समझ प्रदान करना है। NHRC के महासचिव भारत लाल ने उद्घाटन भाषण में कहा कि मानवाधिकार एक गतिशील विषय है, जिसे समय के साथ फिर से मूल्यांकित करने और जनभागीदारी से मजबूत करने की आवश्यकता होती है।
कार्यक्रम के दौरान छात्रों को संवैधानिक मूल्यों, नागरिक और राजनीतिक अधिकारों, सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकारों के साथ-साथ समकालीन मुद्दों जैसे जलवायु परिवर्तन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर अपराध और गिग इकॉनॉमी में शोषण पर भी जागरूक किया जाएगा।

व्यवहारिक अनुभव और पाठ्यक्रम संरचना

कार्यक्रम में प्रतिभागियों को केवल सैद्धांतिक ज्ञान ही नहीं दिया जाएगा, बल्कि उन्हें वर्चुअल माध्यम से विभिन्न संस्थानों जैसे तिहाड़ जेल, शेल्टर होम्स और पुलिस थानों की सैर भी करवाई जाएगी। इन अनुभवों का उद्देश्य छात्रों को मानवाधिकारों की व्यावहारिक चुनौतियों और अवसरों से अवगत कराना है।
संयुक्त सचिव साईडिंगपुई चकचुआक ने पाठ्यक्रम की रूपरेखा साझा करते हुए बताया कि इसमें व्याख्यान, संवादात्मक गतिविधियाँ और नीति वकालत की रणनीतियाँ शामिल हैं। यह कार्यक्रम छात्रों को अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून, घरेलू समस्याओं और प्रभावी वकालत कौशल से लैस करने की दिशा में एक कदम है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) की स्थापना 1993 में “मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम” के तहत की गई थी।
  • इंटर्नशिप कार्यक्रम (OSTI) NHRC द्वारा छात्रों को मानवाधिकारों की जानकारी देने के लिए समय-समय पर आयोजित किया जाता है।
  • तिहाड़ जेल, भारत की सबसे बड़ी जेल है और मानवाधिकारों से जुड़े प्रशासनिक सुधारों के अध्ययन का महत्वपूर्ण केंद्र है।
  • गिग इकॉनॉमी, एक ऐसी प्रणाली है जिसमें अस्थायी, अनुबंध आधारित कार्य बढ़ रहे हैं, जिससे श्रमिक अधिकारों पर नई चुनौतियाँ उत्पन्न हो रही हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *