NCDEX को म्यूचुअल फंड लेनदेन प्लेटफॉर्म के लिए SEBI की मंजूरी: बहु-एसेट एक्सचेंज बनने की दिशा में कदम
नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (NCDEX) को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) से म्यूचुअल फंड लेनदेन प्लेटफॉर्म शुरू करने की सैद्धांतिक मंजूरी प्राप्त हुई है। यह कदम NCDEX की रणनीतिक योजना का हिस्सा है, जिसके तहत वह एक विविधीकृत और बहु-आस्ति बाज़ार अवसंरचना संस्था के रूप में विकसित होना चाहता है।
नियामकीय मंजूरी और प्लेटफॉर्म की परिकल्पना
अब तक कृषि-आधारित कमोडिटी डेरिवेटिव्स के लिए जानी जाने वाली NCDEX, इस मंजूरी के साथ म्यूचुअल फंड सब्सक्रिप्शन और रिडेम्प्शन लेनदेन की सुविधा एक एक्सचेंज-नेतृत्व वाले ढांचे के तहत दे सकेगी। इस प्लेटफॉर्म पर कम मूल्यवर्ग की सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) की सुविधा होगी, जिससे अधिक से अधिक निवेशक आसानी से इसमें भाग ले सकेंगे।
नैशनल कमोडिटी क्लियरिंग की भूमिका
NCDEX की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी, नैशनल कमोडिटी क्लियरिंग लिमिटेड (NCCL), इस प्लेटफॉर्म पर सभी म्यूचुअल फंड लेनदेन की क्लीयरिंग और सेटलमेंट की जिम्मेदारी निभाएगी। यह व्यवस्था पारदर्शिता, नियमन और सुरक्षा के मानकों पर खरी उतरती है, जैसा कि अन्य एक्सचेंज-ट्रेडेड सिस्टम में होता है।
इक्विटी बाजार में प्रवेश की तैयारी
यह म्यूचुअल फंड प्लेटफॉर्म NCDEX के इक्विटी और इक्विटी डेरिवेटिव्स बाजार में प्रस्तावित प्रवेश से पहले एक रणनीतिक कदम के रूप में देखा जा रहा है। प्रबंध निदेशक और सीईओ डॉ. अरुण रास्ते के अनुसार, इस सेवा का शुभारंभ समयोचित और रणनीतिक है, क्योंकि यह एक्सचेंज को निवेशकों के बीच विश्वसनीयता और परिचितता स्थापित करने में मदद करेगा।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- NCDEX को SEBI से म्यूचुअल फंड प्लेटफॉर्म के लिए सैद्धांतिक मंजूरी मिली है।
- नैशनल कमोडिटी क्लियरिंग लिमिटेड इस प्लेटफॉर्म के सभी लेनदेन की क्लीयरिंग और सेटलमेंट करेगी।
- यह प्लेटफॉर्म म्यूचुअल फंड की सब्सक्रिप्शन और रिडेम्प्शन सुविधा प्रदान करेगा।
- यह कदम NCDEX के इक्विटी और डेरिवेटिव्स क्षेत्र में प्रवेश से पहले उठाया गया है।
पूंजी जुटाव और भविष्य की योजनाएं
सितंबर में, NCDEX ने ₹770 करोड़ की राशि प्रेफरेंशियल शेयर जारी करके जुटाई थी, ताकि व्यापार विस्तार और प्रस्तावित इक्विटी एक्सचेंज की स्थापना के लिए वित्तीय आधार सुनिश्चित किया जा सके। अगस्त में एक्सचेंज को इक्विटी और उससे जुड़े उत्पादों (जैसे डेरिवेटिव्स) के संचालन के लिए प्रारंभिक नियामकीय मंजूरी भी मिल चुकी है।
NCDEX का यह कदम भारत के पूंजी बाजार में विविधता और प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में देखा जा रहा है, जिससे निवेशकों को अधिक विकल्प और पारदर्शी लेनदेन की सुविधा प्राप्त होगी।