NATO के ईंधन पाइपलाइन नेटवर्क से जुड़ने जा रहा पोलैंड: सुरक्षा रणनीति में बड़ा कदम

NATO के ईंधन पाइपलाइन नेटवर्क से जुड़ने जा रहा पोलैंड: सुरक्षा रणनीति में बड़ा कदम

पोलैंड ने नाटो (NATO) में शामिल होने के 25 साल बाद अब अंततः संगठन के ईंधन पाइपलाइन नेटवर्क से जुड़ने का निर्णय लिया है। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब देश की पूर्वी सीमाओं पर रूस और बेलारूस की गतिविधियों को लेकर तनाव बढ़ रहा है। 3 अक्टूबर 2025 को पोलिश सरकार ने इस योजना की घोषणा की, जिसके तहत देश नाटो के 10,000 किलोमीटर लंबे यूरोपीय पाइपलाइन नेटवर्क से जुड़ जाएगा। यह नेटवर्क युद्ध की स्थिति में टैंकों और विमानों के लिए ईंधन और लुब्रिकेंट की त्वरित आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए बनाया गया है।

शीत युद्ध की विरासत से बाहर निकलने की दिशा में कदम

नाटो पाइपलाइन सिस्टम (NPS) की स्थापना शीत युद्ध के दौरान हुई थी, जब पोलैंड उस समय के प्रतिद्वंद्वी संगठन वारसॉ पैक्ट का सदस्य था। इस कारण से, नाटो के ईंधन पाइपलाइन नेटवर्क का विस्तार पोलैंड की सीमाओं तक नहीं हुआ था। लेकिन अब, बदलते भू-राजनीतिक हालातों और रूस के बढ़ते आक्रामक रुख के बीच पोलैंड ने इस गैप को भरने का निर्णय लिया है।
रक्षा उपमंत्री सेज़ारी टॉम्चिक (Cezary Tomczyk) ने इस परियोजना को “पिछले 30 वर्षों में पोलिश सुरक्षा में सबसे बड़े निवेशों में से एक” बताया। योजना के तहत पोलैंड जर्मनी से बिडगोश्च (Bydgoszcz) स्थित अपने सैन्य अड्डे तक 300 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन का निर्माण करेगा। यह शहर नाटो के “जॉइंट फोर्स ट्रेनिंग सेंटर” और कई अन्य सहयोगी इकाइयों का मुख्यालय भी है।

निवेश और सहयोग की रूपरेखा

इस परियोजना में कुल 4.7 अरब यूरो का निवेश प्रस्तावित है, जिसे पोलैंड के राष्ट्रीय पाइपलाइन ऑपरेटर PERN और रक्षा मंत्रालय मिलकर लागू करेंगे। नाटो ने इस योजना की प्रारंभिक स्टडी में सहयोग दिया है, लेकिन निर्माण और संचालन की जिम्मेदारी पोलैंड और उसकी एजेंसियों की होगी। सभी 32 सदस्य देशों की मंजूरी मिलने के बाद निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।

रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच पोलैंड की सैन्य तत्परता

पोलैंड नाटो के भीतर सैन्य खर्च (GDP के अनुपात में) सबसे अधिक करने वाले देशों में से एक है। वह यूक्रेन का दृढ़ सहयोगी भी है, जिसने फरवरी 2022 में रूस के पूर्ण हमले के बाद से निरंतर समर्थन प्राप्त किया है। हाल के महीनों में रूस के कथित ड्रोन घुसपैठों ने पोलैंड की सुरक्षा चिंताओं को और बढ़ा दिया है, जिससे यह निवेश और भी आवश्यक प्रतीत होता है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • NATO Pipeline System (NPS) की स्थापना 1950 के दशक में यूरोप में ईंधन आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए की गई थी।
  • पोलैंड 1999 में NATO का सदस्य बना था।
  • बिडगोश्च (Bydgoszcz) नाटो के प्रशिक्षण और लॉजिस्टिक्स के लिए प्रमुख केंद्र है।
  • पोलैंड का सैन्य बजट उसके GDP का लगभग 4% है — जो NATO सदस्यों में सबसे अधिक है।
Originally written on October 6, 2025 and last modified on October 6, 2025.

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