NAKSHA कार्यक्रम के दूसरे चरण का शुभारंभ: शहरी भूमि सर्वेक्षण में तकनीकी दक्षता की ओर एक कदम

भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय के अधीन भूमि संसाधन विभाग (DoLR) ने 2 जून 2025 से NAKSHA (National Geospatial Knowledge-based Land Survey of Urban Habitations) कार्यक्रम के दूसरे चरण की क्षमता निर्माण पहल का शुभारंभ किया है। इस चरण में देश के पाँच उत्कृष्टता केंद्रों (Centres of Excellence) पर शहरी स्थानीय निकायों (ULBs) और जिला अधिकारियों को आधुनिक भू-स्थानिक तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य और संरचना

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य शहरी भूमि सर्वेक्षणों में सटीकता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों को तकनीकी और व्यावहारिक कौशल से लैस करना है। प्रशिक्षण में निम्नलिखित विषयों को शामिल किया गया है:

  • GNSS और ETS आधारित सर्वेक्षण तकनीकें
  • वेब-जीआईएस अनुप्रयोगों का उपयोग
  • भूमि पार्सल मैपिंग
  • कानूनी और प्रशासनिक पहलुओं की समझ

प्रशिक्षण केंद्र और प्रतिभागी

प्रशिक्षण कार्यक्रम निम्नलिखित पाँच उत्कृष्टता केंद्रों में आयोजित किया जा रहा है:

  1. लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBSNAA), मसूरी, उत्तराखंड
  2. यशवंतराव चव्हाण विकास प्रशासन अकादमी (YASHADA), पुणे, महाराष्ट्र
  3. पूर्वोत्तर क्षेत्र उत्कृष्टता केंद्र, गुवाहाटी, असम
  4. महात्मा गांधी राज्य लोक प्रशासन संस्थान (MGSIPA), चंडीगढ़, पंजाब
  5. प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्थान (ATI), मैसूरु, कर्नाटक

इस चरण में 157 शहरी स्थानीय निकायों से 304 अधिकारी नामित किए गए हैं, जो सप्ताह भर चलने वाले इस प्रशिक्षण में भाग ले रहे हैं।

NAKSHA कार्यक्रम की पृष्ठभूमि

NAKSHA कार्यक्रम का उद्देश्य शहरी क्षेत्रों में भूमि रिकॉर्ड को आधुनिक, सटीक और डिजिटल बनाना है। यह कार्यक्रम निम्नलिखित संस्थाओं के सहयोग से कार्यान्वित किया जा रहा है:

  • भूमि संसाधन विभाग (DoLR), ग्रामीण विकास मंत्रालय
  • भारतीय सर्वेक्षण विभाग (Survey of India)
  • राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र सेवाएँ (NICSI)
  • मध्य प्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम (MPSeDC)

कार्यक्रम की प्रमुख विशेषताएँ:

  • ड्रोन आधारित उच्च-सटीकता भूमि सर्वेक्षण
  • वेब-जीआईएस आधारित भूमि रिकॉर्ड प्रबंधन प्रणाली
  • नागरिकों के लिए डिजिटल भूमि रिकॉर्ड की सार्वजनिक पहुँच
  • 27 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों के 157 शहरी स्थानीय निकायों में पायलट परियोजना

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • भारत की शहरी जनसंख्या 2031 तक 600 मिलियन से अधिक होने का अनुमान है, जिससे भूमि रिकॉर्ड के आधुनिकीकरण की आवश्यकता और भी बढ़ गई है।
  • NAKSHA कार्यक्रम का कुल अनुमानित व्यय ₹194 करोड़ है, जिसे भारत सरकार द्वारा 100% वित्तपोषित किया गया है।
  • GNSS (Global Navigation Satellite System) और ETS (Electronic Total Station) तकनीकों का उपयोग भूमि सर्वेक्षण में उच्च सटीकता सुनिश्चित करता है।
  • वेब-जीआईएस प्लेटफॉर्म नागरिकों को अपने भूमि रिकॉर्ड ऑनलाइन देखने और सत्यापित करने की सुविधा प्रदान करता है।

NAKSHA कार्यक्रम के दूसरे चरण का यह प्रशिक्षण शहरी भूमि प्रबंधन में पारदर्शिता और दक्षता लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल भूमि विवादों में कमी आएगी, बल्कि स्मार्ट सिटी विकास और सतत शहरी नियोजन को भी बल मिलेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *