MSP वृद्धि और ‘राष्ट्रीय दाल मिशन’: किसानों के सशक्तिकरण की दिशा में दो ऐतिहासिक निर्णय

नवरात्रि और दशहरे की पूर्व संध्या पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दो ऐतिहासिक और दूरगामी निर्णय लिए, जिनसे देश की कृषि व्यवस्था और किसानों की समृद्धि को नई दिशा मिलने की संभावना है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने जानकारी दी कि कैबिनेट ने ‘राष्ट्रीय दाल मिशन’ को मंजूरी दी है और साथ ही रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में उल्लेखनीय वृद्धि की गई है।
राष्ट्रीय दाल मिशन: आत्मनिर्भरता और पोषण सुरक्षा का लक्ष्य
‘राष्ट्रीय दाल मिशन’ का उद्देश्य भारत को दालों के मामले में आत्मनिर्भर बनाना, पोषण स्तर सुधारना और किसानों की आय में स्थायी वृद्धि सुनिश्चित करना है। वर्तमान में देश में 2024-25 के लिए दाल उत्पादन 24.2 मिलियन टन है, जिसे 2030-31 तक बढ़ाकर 35 मिलियन टन तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।
मिशन की प्रमुख विशेषताएं:
- 416 जिलों में विशेष उत्पादन और विस्तार कार्यक्रम लागू किए जाएंगे।
- राइस फॉलो क्षेत्रों में दालों की खेती को प्रोत्साहित किया जाएगा।
- उच्च गुणवत्ता के बीज, इंटरक्रॉपिंग, सिंचाई, बाजार लिंकेज और तकनीकी सहायता प्रदान की जाएगी।
- तुर, उड़द और मसूर की 100% MSP पर खरीद सुनिश्चित की जाएगी।
- 2025-26 के लिए ₹11,440 करोड़ का बजट आवंटित किया गया है।
MSP में वृद्धि: लागत पर 109% तक लाभ
सरकार ने रबी फसलों के लिए MSP में उल्लेखनीय वृद्धि की घोषणा की है, जिससे किसानों को उनकी लागत पर 50% से लेकर 109% तक का लाभ मिलेगा। यह वृद्धि 2018-19 के केंद्रीय बजट में की गई उस प्रतिबद्धता के अनुरूप है, जिसमें उत्पादन लागत से 1.5 गुना MSP सुनिश्चित करने का वादा किया गया था।
नवीनतम MSP वृद्धि:
- केसर (सैफ्लावर): ₹600 प्रति क्विंटल
- मसूर: ₹300 प्रति क्विंटल
- सरसों/राई: ₹250 प्रति क्विंटल
- चना: ₹225 प्रति क्विंटल
- जौ: ₹170 प्रति क्विंटल
- गेहूं: ₹160 प्रति क्विंटल
मोदी सरकार के कार्यकाल में MSP में दोगुना या उससे अधिक की वृद्धि देखी गई है:
- गेहूं: ₹1400 से ₹2585 प्रति क्विंटल
- जौ: ₹1100 से ₹2150
- चना: ₹3100 से ₹5875
- मसूर: ₹2950 से ₹7000
- सरसों: ₹3050 से ₹6200
- सैफ्लावर: ₹3000 से ₹6540
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) भारत सरकार द्वारा घोषित वह दर है जिस पर वह किसानों से उनकी फसलें खरीदने की गारंटी देती है।
- ‘राष्ट्रीय दाल मिशन’ का लक्ष्य 6 वर्षों में 44% से अधिक दाल उत्पादन बढ़ाना है।
- भारत दुनिया में दालों का सबसे बड़ा उत्पादक, उपभोक्ता और आयातक देश है।
- MSP वृद्धि 2018-19 के बजट की नीति के अनुरूप है, जिसमें किसानों को उनकी लागत से न्यूनतम 50% अधिक मूल्य देने की घोषणा की गई थी।