‘Know Your DIGIPIN’ और ‘Know Your PIN Code’: भारत के डिजिटल पते की नई क्रांति

भारत सरकार के संचार मंत्रालय के तहत डाक विभाग ने दो क्रांतिकारी डिजिटल प्लेटफॉर्म—‘Know Your DIGIPIN’ और ‘Know Your PIN Code’—की शुरुआत की है। ये पहल राष्ट्रीय भू-स्थानिक नीति 2022 के तहत लाई गई हैं, जिसका उद्देश्य डिजिटल शासन और सार्वजनिक सेवा वितरण को भू-स्थानिक तकनीकों से सशक्त बनाना है।
क्या है DIGIPIN?
DIGIPIN (Digital Postal Index Number) एक ओपन-सोर्स, इंटरऑपरेबल, और जियो-कोडेड डिजिटल एड्रेसिंग सिस्टम है जिसे डाक विभाग ने IIT हैदराबाद और ISRO के NRSC के साथ मिलकर विकसित किया है। यह पते को एक सटीक डिजिटल पहचान में बदल देता है।
‘Know Your DIGIPIN’ वेब एप्लीकेशन की विशेषताएँ:
- यूज़र अपने सटीक जियोलोकेशन के आधार पर DIGIPIN प्राप्त कर सकते हैं।
- अक्षांश-देशांश (latitude-longitude) डालकर संबद्ध DIGIPIN खोज सकते हैं और इसके विपरीत।
- लॉजिस्टिक्स, आपातकालीन सेवाएँ, और ग्रामीण क्षेत्रों में अंतिम मील सेवा के लिए बेहद उपयोगी।
DIGIPIN को अब सभी मंत्रालयों, राज्य सरकारों, और निजी संस्थानों को अपने कार्यप्रवाह में शामिल करने के लिए उपलब्ध कराया गया है। इसका स्रोत कोड GitHub पर जारी किया गया है, जिससे यह ओपन कोलैबोरेशन और व्यापक अपनाने को बढ़ावा देता है।
‘Know Your PIN Code’ ऐप: पारंपरिक पिन कोड का भू-स्थानिक उन्नयन
भारत में 1972 से प्रचलित 6-अंकीय पिन कोड प्रणाली को अब भू-संदर्भ (geo-fencing) करके और अधिक सटीक बनाया गया है।
नई सुविधाएँ:
- GNSS आधारित स्थान के आधार पर सही पिन कोड की पहचान।
- पिन कोड की सटीकता पर प्रतिक्रिया देने का विकल्प।
पिन कोड बाउंड्री डेटा अब ओपन गवर्नमेंट डेटा प्लेटफॉर्म पर “All India PIN Code Boundary geo-json” शीर्षक के तहत उपलब्ध है।
एकीकृत डिजिटल इंडिया की ओर
डाक विभाग की सचिव वंदिता कौल ने कहा, “DIGIPIN यह सुनिश्चित करेगा कि भारत का हर नागरिक, चाहे वह देश के किसी भी कोने में हो, डिजिटल रूप से पहचानने योग्य और सेवा योग्य हो।” यह पहल डाक विभाग को केवल एक सेवा प्रदाता नहीं, बल्कि भारत के डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (DPI) का एक मुख्य स्तंभ बनाती है।
नागरिकों की भागीदारी से सतत सुधार
दोनों प्लेटफॉर्म में यूज़र फीडबैक के विकल्प दिए गए हैं जिससे इन प्रणालियों की सटीकता और उपयोगिता लगातार सुधारी जा सके। यह सामूहिक सहभागिता भारत के डिजिटल पते तंत्र को स्थायी और ज़मीनी स्तर से जुड़ा बनाएगी।