JPC द्वारा अपनाया गया व्यक्तिगत डेटा बिल (Personal Data Protection Bill)

JPC द्वारा अपनाया गया व्यक्तिगत डेटा बिल (Personal Data Protection Bill)

“व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक, 2019” पर संयुक्त संसदीय समिति (Joint Parliamentary Committee – JPC) की हाल ही में सांसद पी.पी. चौधरी के नेतृत्व में बैठक हुई।

मुख्य बिंदु 

  • इस बैठक का मुख्य एजेंडा व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक, 2019 पर JPC  की मसौदा रिपोर्ट पर विचार करना और उसे अपनाना था।
  • यह बिल नागरिकों के व्यक्तिगत डेटा की गोपनीयता और सुरक्षा से संबंधित है।
  • JPC के सदस्यों को अपनी असहमति दर्ज कराने के लिए 24 नवंबर की समय सीमा दी गई है।
  • JPC की आखिरी बैठक 12 नवंबर को हुई थी।

बिल के बारे में

  • पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल, 2019 को अगस्त 2017 में सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले के बाद तैयार किया गया था, जिसमें ‘निजता के अधिकार’ (Right to Privacy) को मौलिक अधिकार घोषित किया गया था।
  • कैबिनेट ने दिसंबर 2019 में इस विधेयक को मंजूरी दी थी।
  • इसका उद्देश्य व्यक्तिगत डेटा से संबंधित व्यक्तियों की गोपनीयता की सुरक्षा प्रदान करना है।
  • यह व्यक्तिगत डेटा के प्रवाह और उपयोग को निर्दिष्ट करने और व्यक्तिगत डेटा को संसाधित करने वाली संस्थाओं और व्यक्तियों के बीच विश्वास का संबंध बनाने का भी प्रयास करता है।
  • यह विधेयक उन व्यक्तियों के अधिकारों की भी रक्षा करेगा जिनके व्यक्तिगत डेटा को संसाधित किया जाता है।
  • यह डेटा को संसाधित करने के लिए संगठनात्मक और तकनीकी उपायों के लिए एक रूपरेखा भी तैयार करेगा।
  • यह इसके लिए मानदंड भी निर्धारित करेगा:
  1. सोशल मीडिया मध्यस्थ
  2. व्यक्तिगत डेटा संसाधित करने वाली संस्थाओं की जवाबदेही
  3. सीमा पार स्थानांतरण
  4. अनधिकृत और हानिकारक प्रसंस्करण के लिए उपाय
  5. भारतीय डेटा संरक्षण प्राधिकरण की स्थापना करना।

क्या राज्य व्यक्तियों के निजी डेटा का उपयोग कर सकता है?

इस कानून के अनुसार, राज्य निम्नलिखित शर्तों के तहत उनकी सहमति के बिना व्यक्ति के निजी डेटा का उपयोग कर सकता है:

  • किसी भी कार्रवाई के लिए कोई लाइसेंस, प्रमाणन, या परमिट जारी करने के लिए
  • संसद या किसी राज्य विधानमंडल द्वारा बनाए गए किसी कानून के तहत
  • भारत में न्यायालय या अधिकरण के किसी आदेश या निर्णय का अनुपालन करने के लिए
  • किसी भी चिकित्सा आपात स्थिति का जवाब देने के लिए जिसमें जीवन के लिए खतरा शामिल है
Originally written on November 24, 2021 and last modified on November 24, 2021.

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