IUCN वर्ल्ड हेरिटेज आउटलुक 2025: प्राकृतिक धरोहर स्थलों के संरक्षण की वैश्विक निगरानी प्रणाली

IUCN (इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर) द्वारा संचालित वर्ल्ड हेरिटेज आउटलुक 2025, दुनिया भर के प्राकृतिक वर्ल्ड हेरिटेज स्थलों के संरक्षण की स्थिति का मूल्यांकन करने वाली एकमात्र वैश्विक प्रणाली है। यह हर 3 से 5 वर्षों में सभी प्राकृतिक स्थलों की स्थिति का समवर्ती आकलन करती है, जिससे वैश्विक स्तर पर संरक्षण प्रयासों को एक नया दृष्टिकोण और दिशा मिलती है।
संरक्षण की स्थिति पर समग्र और पारदर्शी मूल्यांकन
IUCN वर्ल्ड हेरिटेज आउटलुक का उद्देश्य सभी प्राकृतिक वर्ल्ड हेरिटेज स्थलों की संरक्षण स्थिति को ट्रैक करना और उनके भविष्य की संभावनाओं को समझना है। यह एक पारदर्शी और स्वतंत्र प्रक्रिया है, जो सर्वोत्तम उपलब्ध आंकड़ों और विशेषज्ञों की जानकारी पर आधारित होती है। यह पहल UNESCO-IUCN की संयुक्त निगरानी प्रक्रिया को पूरक रूप से समर्थन देती है, और पूरे विश्व के लिए एक स्नैपशॉट मूल्यांकन प्रस्तुत करती है।
संकटग्रस्त स्थलों के लिए समय रहते चेतावनी
वर्ल्ड हेरिटेज आउटलुक, न केवल संरक्षण में उत्कृष्ट प्रदर्शन को पहचानता है, बल्कि यह समय रहते खतरे में पड़े स्थलों की पहचान कर उन्हें सुधारात्मक कदमों के लिए चेतावनी भी देता है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि संकट की स्थिति में भी उचित नीति और योजना के माध्यम से स्थिति में सुधार किया जा सके।
संरक्षण के साथ-साथ समुदायों को लाभ
यह प्रणाली यह भी रेखांकित करती है कि वर्ल्ड हेरिटेज स्थल केवल जैव विविधता ही नहीं, बल्कि मानव समुदायों के लिए आजीविका, पारिस्थितिकी तंत्र की स्थिरता और जलवायु लचीलापन जैसे लाभ भी प्रदान करते हैं। वर्तमान पर्यावरणीय, आर्थिक और मानवीय संकटों के दौर में यह पहल और भी महत्वपूर्ण हो जाती है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
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2024 तक 271 वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स को प्राकृतिक मूल्य (Outstanding Universal Value) के लिए मान्यता प्राप्त है:
- 231 पूर्णतः प्राकृतिक स्थल
- 40 मिश्रित स्थल (प्राकृतिक और सांस्कृतिक दोनों)
- ये स्थल कुल 470 मिलियन हेक्टेयर से अधिक भूमि और समुद्री क्षेत्र की रक्षा करते हैं।
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ये 115 देशों में फैले हैं:
- 47 स्थल – अफ्रीका
- 9 स्थल – अरब क्षेत्र
- 85 स्थल – एशिया और पैसिफिक
- 83 स्थल – यूरोप और उत्तरी अमेरिका
- 47 स्थल – लैटिन अमेरिका और कैरेबियन
- 15 स्थल वर्तमान में ‘विश्व धरोहर खतरे में’ सूची में शामिल हैं।
- IUCN ने यह आउटलुक अब तक 2014, 2017, 2020 और 2025 में प्रकाशित किया है।