IUCN वर्ल्ड कांग्रेस में भारत का राष्ट्रीय रेड लिस्ट रोडमैप 2025–2030 लॉन्च: जैव विविधता संरक्षण की नई दिशा

भारत ने IUCN वर्ल्ड कंज़र्वेशन कांग्रेस 2025 के दौरान अपना राष्ट्रीय रेड लिस्ट रोडमैप एवं विजन 2025–2030 लॉन्च कर दिया है। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के राज्य मंत्री किरिति वर्धन सिंह द्वारा एशिया पैवेलियन में इस पहल का उद्घाटन किया गया, जो भारत की जैव विविधता संरक्षण के प्रति गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
वैज्ञानिक दस्तावेज़ीकरण से नीति निर्धारण तक
मंत्री ने कहा कि यह रोडमैप 2030 तक भारत की संरक्षण रणनीति का मार्गदर्शक बनेगा। इसमें IUCN, जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ZSI), बॉटनिकल सर्वे ऑफ इंडिया (BSI) और सेंटर फॉर स्पीशीज़ सर्वाइवल का सहयोग शामिल है। उन्होंने कहा कि सटीक आंकड़ों और वैज्ञानिक ढांचे के बिना प्रभावी संरक्षण नीति बनाना असंभव है।
रेड लिस्ट, एक वैज्ञानिक दस्तावेज़ के रूप में, भारत को प्राथमिकताओं की पहचान और संसाधनों के कुशल उपयोग में मदद करेगी। इसके माध्यम से लुप्तप्राय प्रजातियों की पहचान कर केंद्रित सुरक्षा प्रयास सुनिश्चित किए जाएंगे।
भारत की जैव विविधता: वैश्विक परिदृश्य में महत्त्वपूर्ण स्थान
- भारत विश्व के 17 मेगा जैव विविधता वाले देशों में शामिल है।
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देश में 4 वैश्विक जैव विविधता हॉटस्पॉट हैं:
- हिमालय
- पश्चिमी घाट
- इंडो-बर्मा
- सुंदालैंड
- भारत विश्व की 2.4% भूमि पर स्थित होकर भी विश्व के 8% पौधे और 7.5% जीव-जंतु प्रजातियों को आश्रय देता है।
- इनमें से 28% पौधे और 30% जानवर स्थानिक (endemic) हैं।
2030 तक रेड डाटा बुक्स का प्रकाशन लक्ष्य
रेड लिस्ट रोडमैप के अंतर्गत भारत का उद्देश्य है कि 2030 तक राष्ट्रीय रेड डाटा बुक्स प्रकाशित की जाएं। यह प्रक्रिया IUCN के वैश्विक मानकों के अनुरूप होगी और कन्वेंशन ऑन बायोलॉजिकल डाइवर्सिटी (CBD) तथा कुनमिंग-मॉन्ट्रियल जैव विविधता फ्रेमवर्क के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाएगी।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- रेड लिस्ट IUCN द्वारा निर्धारित विश्वस्तरीय प्रणाली है, जो प्रजातियों के विलुप्ति जोखिम का मूल्यांकन करती है।
- IUCN के अनुसार, अब तक 1,63,000 प्रजातियों का मूल्यांकन हो चुका है, जिनमें से लगभग 28% विलुप्ति के खतरे में हैं।
- भारत की वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 को 2022 में संशोधित कर CITES के उपबंधों को भी समाहित किया गया है।
- भारत में 104,000 से अधिक प्राणी, 18,000 से अधिक पुष्पीय पौधे, और 20,000 से अधिक समुद्री प्रजातियाँ दर्ज हैं।