ITBP स्थापना दिवस: हिमवीरों के शौर्य और सेवा को सलाम
भारत-चीन सीमा की कड़ी निगरानी करने वाली इंडो-तिब्बतन बॉर्डर पुलिस (ITBP) ने 24 अक्टूबर को अपना 63वां स्थापना दिवस मनाया। इस अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ‘हिमवीरों’ को शुभकामनाएं दीं और उन शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की जिन्होंने देश की रक्षा में अपने प्राण न्योछावर कर दिए।
साहस और समर्पण की मिसाल हैं ‘हिमवीर’
आईटीबीपी के जवानों को ‘हिमवीर’ यानी हिमालय के वीरों के रूप में जाना जाता है। वे भारत-चीन सीमा की 3,488 किलोमीटर लंबी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर तैनात रहते हैं। जम्मू-कश्मीर (1597 किमी), हिमाचल प्रदेश (200 किमी), उत्तराखंड (345 किमी), सिक्किम (220 किमी) और अरुणाचल प्रदेश (1126 किमी) के ऊंचे और कठिन इलाकों में देश की सीमा की रक्षा करना इनका मुख्य कार्य है।
गृह मंत्री अमित शाह ने ‘एक्स’ (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “निर्दयी परिस्थितियों और कठोर मौसम में भी ITBP के हिमवीरों ने साहस और देशभक्ति की अद्भुत मिसालें पेश की हैं। उन शहीदों को नमन जिन्होंने राष्ट्र के लिए अपने प्राणों की आहुति दी।”
1962 युद्ध के बाद बनी थी ITBP
ITBP की स्थापना 24 अक्टूबर 1962 को भारत-चीन युद्ध के तुरंत बाद की गई थी। शुरुआत में केवल चार बटालियनों के साथ गठित इस बल को हिमालयी सीमाओं की निगरानी, सीमा उल्लंघनों को रोकने और सीमावर्ती आबादी में सुरक्षा की भावना पैदा करने का दायित्व सौंपा गया। समय के साथ इसकी भूमिका और जिम्मेदारियां बढ़ती गईं।
सीमाओं से लेकर आपदा राहत तक
आज ITBP न केवल सीमाओं की सुरक्षा करता है, बल्कि आपदा राहत, आंतरिक सुरक्षा, नक्सल विरोधी अभियान और VIP सुरक्षा जैसे कार्यों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। देश के विभिन्न हिस्सों में चुनावी ड्यूटी और विशेष परिस्थितियों में बल का प्रयोग किया जाता है।
इस बल के जवानों को लद्दाख, अरुणाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और हिमाचल प्रदेश के 18,000 फीट से ऊपर के दुर्गम इलाकों में भी तैनात किया जाता है, जहां ऑक्सीजन की कमी, भारी बर्फबारी और अत्यधिक ठंड जैसी परिस्थितियां आम हैं।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- ITBP की स्थापना 24 अक्टूबर 1962 को हुई थी।
- ‘हिमवीर’ शब्द ITBP जवानों के साहस और हिमालयी इलाकों में सेवा को दर्शाता है।
- LAC की लंबाई: भारत-चीन सीमा पर ITBP की निगरानी वाले क्षेत्र की कुल लंबाई 3,488 किमी है।
- ITBP की भूमिका में अब आपदा राहत, VIP सुरक्षा और आंतरिक सुरक्षा जैसे कार्य भी शामिल हैं।