ISRO ने GISAT-1 के लॉन्च शेड्यूल में बदलाव किया

ISRO ने GISAT-1 के लॉन्च शेड्यूल में बदलाव किया

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने GSLV-F10 रॉकेट पर भू-इमेजिंग उपग्रह GISAT-1 के लॉन्च शेड्यूल में बदलाव  किया है।

मुख्य बिंदु

इस अंतरिक्ष यान को 28 मार्च को प्रक्षेपित किया जाना था। लेकिन मामूली समस्या के कारण, अब इसे 18 अप्रैल को श्रीहरिकोटा स्पेसपोर्ट से लॉन्च किया जाएगा। मूल रूप से, इसे 5 मार्च, 2020 को लॉन्च किया जाना था, लेकिन तकनीकी कारणों से इसे स्थगित कर दिया गया था।

जियो इमेजिंग सैटेलाइट (Geo Imaging Satellite or GISAT)

GSAT भूस्थैतिक कक्षा के लिए एक भारतीय इमेजिंग उपग्रह वर्ग है। इसमें ‘high temporal resolution’ शामिल होता है जो वास्तविक समय की निगरानी के अलावा तेजी से घूमने की क्षमता के साथ रियल टाइम इमेजिंग प्रदान करने में मदद करता है। दो समान उपग्रह 42 से 318 मीटर की रेंज में रिज़ॉल्यूशन प्रदान करेंगे। यह मल्टी-स्पेक्ट्रल मल्टी-रिज़ॉल्यूशन इमेजिंग उपकरणों को भी ले जाएगा। GISAT-1  पहला अत्याधुनिक फुर्तीला पृथ्वी अवलोकन उपग्रह है। इसे GSLV-F10 10 द्वारा जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट में रखा जाएगा।

उपग्रह की क्षमताएं

इस उपग्रह का भार लगभग 2268 किलोग्राम है, यह उपग्रह बादल-मुक्त स्थिति के तहत, लगातार अंतराल पर भारतीय उप-महाद्वीप के वास्तविक समय के अवलोकन की सुविधा प्रदान करेगा। यह हर 5 मिनट में चयनित फ़ील्ड इमेज का उत्पादन करेगा। यह 42 मीटर spatial resolution पर हर 30 मिनट में पूरे भारतीय क्षेत्र की छवि प्रदान करेगा।

GISAT-1 की विशेषताएं

इस उपग्रह में Cartosat-2A के डिजाइन के आधार पर एक 700 मिमी रिचेसी-क्रेटियन टेलिस्कोप (Ritchey–Chretien Telescope) शामिल है। इसने विजिबल एंड नियर-इन्फ़्राएड (VNIR) और शॉर्ट वेव-इन्फ़्राएड (SWIR) बैंड में ऐरे डिटेक्टर भी लगाए हैं।

पृथ्वी अवलोकन उपग्रह (Earth Observation Satellites)

इसरो के पृथ्वी अवलोकन उपग्रहों ने देश भर में कई परिचालन अनुप्रयोगों को सफलतापूर्वक स्थापित किया है। बड़ी संख्या में ऐसे उपयोगकर्ता हैं जो केंद्रीय और राज्य स्तर पर कई उद्देश्यों के लिए अंतरिक्ष-आधारित इनपुट का उपयोग करते हैं। इसरो के कुछ महत्वपूर्ण अभियानों ने अंतरिक्ष-आधारित इमेजिंग के अद्वितीय अनुप्रयोगों को सक्षम किया है जिसमें Cartosat-1, Cartosat-2, Resourcesat-1, Resourcesat-2, Oceansat-1, Oceansat-2, Risat-1, Megha-Tropiques, INSAT series, SARAL, Scatsat आदि शामिल है।

Originally written on March 27, 2021 and last modified on March 27, 2021.

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