IREDA ने हरित ऊर्जा परियोजनाओं को समर्थन देने के लिए गिफ्ट सिटी कार्यालय खोला

IREDA ने हरित ऊर्जा परियोजनाओं को समर्थन देने के लिए गिफ्ट सिटी कार्यालय खोला

भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी (इरेडा) ने हरित हाइड्रोजन और नवीकरणीय ऊर्जा विनिर्माण परियोजनाओं के लिए विदेशी मुद्रा में ऋण वित्तपोषण प्रदान करने के लिए गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी (गिफ्ट सिटी), गांधीनगर में एक कार्यालय स्थापित किया है।

इरेडा का गिफ्ट सिटी कार्यालय विदेशी मुद्राओं में ऋण विकल्प प्रदान करने में विशेषज्ञता प्राप्त करेगा, जिससे प्राकृतिक हेजिंग संभव होगी और हरित हाइड्रोजन तथा नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए वित्तपोषण लागत में पर्याप्त कमी आएगी।

यह कदम भारत के महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के संदर्भ में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जिसका लक्ष्य 2030 तक 5 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष (MTPA) से अधिक हाइड्रोजन का उत्पादन करना है।

भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी (इरेडा) 

भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी (IREDA) एक सरकारी स्वामित्व वाली गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्था (NBFC) है जो भारत में अक्षय ऊर्जा और ऊर्जा दक्षता परियोजनाओं को बढ़ावा देती है, विकसित करती है और वित्तपोषित करती है।

  • यह नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के तहत 1987 में स्थापित की गई थी
  • पवन, सौर, जलविद्युत और बायोमास सहित विभिन्न नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करती है
  • परियोजना डेवलपर्स को ऋण, इक्विटी भागीदारी और अन्य वित्तीय साधन प्रदान करती है
  • भारत को अपने नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है
  • भारत में नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, जिसका संचयी ऋण वितरण 1 लाख करोड़ रुपये (लगभग) से अधिक है।

गिफ्ट सिटी

  • गुजरात के गांधीनगर में स्थित गिफ्ट सिटी भारत का पहला चालू स्मार्ट शहर और अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र है।
  • यह वैश्विक वित्तीय सेवाओं के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान करता है और इसने अग्रणी बैंकों, बीमा कंपनियों और अन्य वित्तीय संस्थानों को आकर्षित किया है।
  • गिफ्ट सिटी में इरेडा की उपस्थिति से उसे पारिस्थितिकी तंत्र के लाभों का लाभ उठाने तथा हरित हाइड्रोजन और नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों को आकर्षित करने में मदद मिलेगी।

अबू धाबी में आयोजित विश्व भावी ऊर्जा शिखर सम्मेलन 2024 में घोषित इस रणनीतिक पहल से भारत के हरित भविष्य की ओर कदम बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान मिलने की उम्मीद है।

Originally written on April 20, 2024 and last modified on April 20, 2024.

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