INSPIRE अवॉर्ड मानक योजना में उत्तर प्रदेश अव्वल: शिक्षा क्षेत्र में रचा नया कीर्तिमान

उत्तर प्रदेश ने एक बार फिर शिक्षा के क्षेत्र में अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराते हुए भारत सरकार की INSPIRE अवॉर्ड मानक योजना के अंतर्गत पूरे देश में सर्वोच्च स्थान प्राप्त किया है। इस योजना के तहत वर्ष 2023-24 में राज्य से 2.8 लाख नामांकन दर्ज हुए, जो अब तक का सर्वाधिक आंकड़ा है। यह उपलब्धि प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में नवाचार और विद्यार्थियों की रचनात्मक सोच को बढ़ावा देने की दिशा में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है।
INSPIRE अवॉर्ड मानक योजना क्या है?
यह योजना भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा संचालित की जाती है, जिसका उद्देश्य कक्षा 6 से 12 तक के विद्यार्थियों में वैज्ञानिक सोच, नवाचार और रचनात्मकता को प्रोत्साहित करना है। इसके अंतर्गत विद्यार्थी अपने मौलिक और अभिनव विचारों को ऑनलाइन नामांकन के माध्यम से प्रस्तुत करते हैं। इस वर्ष नामांकन प्रक्रिया 15 जून से 30 सितंबर तक चली।
उत्तर प्रदेश की ऐतिहासिक बढ़त
पिछले वर्ष उत्तर प्रदेश से 2.1 लाख नामांकन हुए थे, जो इस वर्ष बढ़कर 2,80,747 हो गए — यानी 70,000 की वृद्धि। इस आंकड़े के साथ प्रदेश ने राजस्थान (1,41,142) और कर्नाटक (1,01,656) जैसे राज्यों को काफी पीछे छोड़ दिया है। अन्य राज्यों में बिहार (87,101), छत्तीसगढ़ (78,836), ओडिशा (59,408), मध्य प्रदेश (55,247), तमिलनाडु (46,404), आंध्र प्रदेश (46,285) और झारखंड (45,336) प्रमुख रहे।
50 में से 22 अव्वल ज़िले यूपी से
देश भर के 50 सर्वाधिक नामांकन वाले जिलों में से 22 जिले उत्तर प्रदेश के हैं। इनमें प्रमुख जिले हैं:
- प्रतापगढ़ (7,085)
- प्रयागराज (6,929)
- लखनऊ (6,721)
- हरदोई (6,689)
- जौनपुर (5,930)
- लखीमपुर खीरी (5,693)
- उन्नाव (5,604)
- आज़मगढ़ (5,525)
इसके अतिरिक्त फ़तेहपुर, बिजनौर, बुलंदशहर, सीतापुर, बरेली, गोंडा, आगरा, अलीगढ़, बाराबंकी, बस्ती, शाहजहांपुर, कानपुर नगर, मुरादाबाद और मथुरा भी शामिल हैं।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- INSPIRE (Innovation in Science Pursuit for Inspired Research) योजना 2008 में शुरू की गई थी।
- मानक योजना के अंतर्गत हर चयनित विचार को ₹10,000 की प्रोत्साहन राशि मिलती है।
- यह योजना राष्ट्रीय नवोन्मेष फाउंडेशन (NIF) के सहयोग से कार्यान्वित होती है।
- योजना का उद्देश्य देश में “नवाचार संस्कृति” को प्रोत्साहित करना है, खासकर ग्रामीण और अर्ध-शहरी स्कूलों में।