INS विक्रांत क्या है?

INS विक्रांत क्या है?

INS विक्रांत वर्तमान में भारतीय नौसेना द्वारा उपयोग किया जाने वाला एक विमानवाहक पोत है। यह केरल में कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा निर्मित स्वदेशी रूप से निर्मित होने वाला पहला वाहक है। इस जहाज का नाम भारत के पहले विमानवाहक पोत, INS विक्रांत (1961) के नाम पर रखा गया है। इस जहाज का आदर्श वाक्य भी संस्कृत में है, जिसका मोटे तौर पर अनुवाद “मैं उन्हें हराता हूं जो मेरे खिलाफ लड़ते हैं।”

आईएनएस विक्रांत खबरों में क्यों है?

नौसेना कमांडरों के सम्मेलन-2023 के उद्घाटन संस्करण का आयोजन आईएनएस विक्रांत पर किया जा रहा है। यह अधिकारियों को सैन्य-रणनीतिक स्तरों पर प्रमुख सुरक्षा चिंताओं पर चर्चा करने और वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के साथ बातचीत करने के लिए एक मंच प्रदान करता है।

आईएनएस विक्रांत क्या है?

आईएनएस विक्रांत एक विमानवाहक पोत है जो चार सामान्य विद्युत इंजनों और दो गैस टर्बाइन इंजनों द्वारा संचालित है। इसे 2022 में कमीशन किया गया था। यह 26 MIG-29K या 26 राफेल फाइटर जेट ले जा सकता है। इसके अलावा, कैरियर 2 ध्रुव हेलीकॉप्टर या 4 MH-60R हेलीकॉप्टर ले सकता है।

आईएनएस विक्रांत की तैनाती कहां पर है?

वर्तमान में आईएनएस विक्रांत चेन्नई के पास स्थित कटुप्पली नौसैनिक अड्डे पर तैनात है। रामबिल्ली नेवल बेस तैयार होने के बाद इसे वहां शिफ्ट कर दिया जाएगा। रामबिल्ली आंध्र प्रदेश में विजाग के पास स्थित है। यह बेस परमाणु पनडुब्बियों के बेड़े का डॉकिंग स्पॉट होगा जो भारत अब विकसित कर रहा है। इस नौसैनिक अड्डे का मुख्य उद्देश्य विज़ाग बंदरगाह का भीड़भाड़ कम करना है जिसका उपयोग सैन्य और नागरिक दोनों उद्देश्यों के लिए किया जा रहा है।

INS विक्रांत के निर्माण में किस देश ने भारत की मदद की?

रूस। आईएनएस विक्रांत को बनाने के लिए जरूरी एविएशन कंपोनेंट्स भारत ने रूस से खरीदे। रूस ने INS विक्रांत के निर्माण के लिए आवश्यक स्टील भी प्रदान किया। हालांकि, रूस ने बीच में ही स्टील की सप्लाई बंद कर दी थी। हमारे वैज्ञानिकों ने बाद में कहीं बेहतर उच्च गुणवत्ता वाला स्टील बनाया और आईएनएस विक्रांत का निर्माण पूरा किया। इस वजह से आईएनएस विक्रांत के प्रोजेक्ट में देरी हुई। इसे 2013 में लॉन्च किया गया था लेकिन जहाज को 2022 में ही चालू किया गया था। यह परियोजना 2009 में शुरू की गई थी।

Originally written on March 11, 2023 and last modified on March 11, 2023.

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