INS विक्रांत और एयरक्राफ्ट कैरियर: भारत की समुद्री शक्ति का प्रतीक

INS विक्रांत और एयरक्राफ्ट कैरियर: भारत की समुद्री शक्ति का प्रतीक

हाल ही में गोवा के तट पर भारतीय नौसेना के सबसे शक्तिशाली युद्धपोत INS विक्रांत पर अधिकारियों और नाविकों को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यदि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान नौसेना अपनी “पूर्ण शक्ति” में आती, तो पाकिस्तान चार हिस्सों में बंट गया होता। इस बयान ने एक बार फिर भारत की समुद्री शक्ति के प्रतीक – एयरक्राफ्ट कैरियर्स – विशेष रूप से INS विक्रांत की रणनीतिक भूमिका को सुर्खियों में ला दिया है।

एयरक्राफ्ट कैरियर क्या होता है?

एयरक्राफ्ट कैरियर एक विशाल युद्धपोत होता है जो समुद्र में तैरता हुआ हवाई अड्डा होता है। इसका मुख्य उद्देश्य लड़ाकू विमानों, हेलीकॉप्टरों और छोटे सैन्य परिवहन विमानों को ले जाना, उड़ान भरवाना और वापस लैंड कराना होता है। इसमें एक कार्यशील फ्लाइट डेक होता है, हैंगर में विमान रखे जाते हैं, और यह जहाज हवा में प्रभुत्व स्थापित करने की क्षमता रखता है – वह भी घर से हजारों किलोमीटर दूर।

यह कैसे कार्य करता है?

एक एयरक्राफ्ट कैरियर अकेला नहीं चलता। इसके साथ एक “कैरियर स्ट्राइक ग्रुप” होता है जिसमें विध्वंसक (destroyers), मिसाइल क्रूज़र, पनडुब्बियाँ, और सप्लाई शिप्स शामिल होते हैं। ये जहाज न केवल एयरक्राफ्ट कैरियर की सुरक्षा करते हैं, बल्कि इसकी आक्रमण क्षमता को भी बढ़ाते हैं। विमानन संचालन के अलावा, इसमें नाविकों और अधिकारियों के लिए जीवन की सभी आवश्यक सुविधाएँ होती हैं – जैसे अस्पताल, भोजनालय, कार्यशाला आदि।

INS विक्रांत की प्रमुख विशेषताएँ

INS विक्रांत भारत का पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर है, जो भारतीय नौसेना के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। इसकी कुछ विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:

  • विस्थापन: 45,000 टन – यह भारत का अब तक का सबसे बड़ा युद्धपोत है।
  • विमान क्षमता: 34 विमान तक, जिनमें रूसी-निर्मित मिग 29K मुख्य लड़ाकू विमान हैं।
  • स्वदेशी सामग्री: 76% – जिसमें 23,000 टन स्टील, 2,500 किमी इलेक्ट्रिक केबल्स, और 2,000 वॉल्व्स शामिल हैं।
  • क्रू: 1,600 लोग – जो इसे समुद्र में एक चलता-फिरता छोटा शहर बनाते हैं।
  • अन्य सुविधाएँ: दो ऑपरेशन थिएटरों वाला अस्पताल, ICU, तीन बड़े गैली, और मैकेनिक्स की कार्यशाला।

भारत के अन्य एयरक्राफ्ट कैरियर

INS विक्रांत के अतिरिक्त भारतीय नौसेना के पास INS विक्रमादित्य भी है, जो एक रूसी कीव-क्लास कैरियर का परिवर्तित संस्करण है। नौसेना निकट भविष्य में एक तीसरे एयरक्राफ्ट कैरियर को भी शामिल करने की योजना बना रही है, जिससे इसकी ‘ब्लू वॉटर नेवी’ की क्षमता और मजबूत होगी।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • ब्लू वॉटर नेवी: वह नौसेना जो अपने देश की सीमाओं से दूर समुद्रों में शक्ति प्रदर्शन करने में सक्षम होती है।
  • एयरक्राफ्ट कैरियर निर्माण क्षमता: भारत उन चुनिंदा देशों में है जो स्वदेशी रूप से एयरक्राफ्ट कैरियर बना सकता है।
  • INS विक्रांत का नाम: यह नाम 1971 के भारत-पाक युद्ध में भाग लेने वाले पहले INS विक्रांत से लिया गया है।
  • INS विक्रमादित्य: यह एक पूर्व रूसी जहाज ‘एडमिरल गोर्शकोव’ पर आधारित है और इसे भारत ने 2013 में सेवा में लिया था।

INS विक्रांत केवल एक युद्धपोत नहीं, बल्कि भारत की आत्मनिर्भर रक्षा निर्माण क्षमता, रणनीतिक समुद्री प्रभुत्व और भविष्य की नौसेना नीति का प्रतीक है। इसके संचालन से न केवल भारत की सैन्य ताकत में इज़ाफा हुआ है, बल्कि यह देश की अंतरराष्ट्रीय समुद्री उपस्थिति को भी नई ऊँचाइयों पर ले जा रहा है।

Originally written on May 31, 2025 and last modified on May 31, 2025.

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