IMF World Economic Outlook – Update जारी की गयी

27 जुलाई को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund – IMF) ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए भारत की जीडीपी विकास दर के पूर्वानुमान को घटाकर 9.5% हैकिया। इससे पहले, IMF ने 12.5% जीडीपी वृद्धि का अनुमान लगाया था।
भारत से संबंधित मुख्य बिंदु
- COVID-19 महामारी की दूसरी लहर के कारण आर्थिक गतिविधियों पर असर का हवाला देते हुए जीडीपी पूर्वानुमान में कटौती की गई है।
- मार्च से मई के महीनों के दौरान दूसरी लहर के कारण भारत की विकास संभावना कम हो गई है और उम्मीद है कि रिकवरी धीमी होगी।
- इस रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया भर के किसी भी देश में तब तक स्थिर रिकवरी का आश्वासन नहीं दिया जाता है जब तक कि आबादी COVID-19 वायरस और इसके विभिन्न उत्परिवर्तन के प्रति संवेदनशील रहती है।
- वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए, आईएमएफ को 8.5% की आर्थिक वृद्धि की उम्मीद है, जो कि अप्रैल में उनके द्वारा अनुमानित 6.9% से अधिक है।
- S&P ग्लोबल रेटिंग्स ने वित्त वर्ष 2021-22 में जीडीपी में 9.5% और वित्तीय वर्ष 2022-23 में 7.8% की वृद्धि का अनुमान लगाया है।
- RBI ने भी 9.5% की वृद्धि का अनुमान लगाया है।
- विश्व बैंक ने वित्त वर्ष 22 के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि 8.3% रहने का अनुमान लगाया है।
- एशियाई विकास बैंक (ADB) ने भारत के आर्थिक विकास के अनुमान को 11% से घटाकर 10% कर दिया है
विश्व अर्थव्यवस्था
IMF द्वारा प्रकाशित नवीनतम वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट में, वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्धि वर्ष 2021 में 6% और वर्ष 2022 के लिए 4.9% रहने का अनुमान लगाया गया है। IMF की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने कहा है कि वैश्विक स्तर पर आर्थिक सुधार जारी है, लेकिन यह अंतर विकासशील, उभरती और उन्नत अर्थव्यवस्थाओं के बीच की खाई को चौड़ा कर रहा है। IMF ने अनुमान लगाया है कि इस COVID-19 महामारी ने दुनिया की सभी उन्नत अर्थव्यवस्थाओं में प्रति व्यक्ति आय में 2.8% की कमी की है।
Originally written on
July 29, 2021
and last modified on
July 29, 2021.