IMAP मिशन: सौरमंडल की रक्षा कवच ‘हीलियोस्फीयर’ को समझने की नई वैज्ञानिक कोशिश

अंतरिक्ष पूरी तरह खाली नहीं है। सूरज से निरंतर एक प्रवाहित होती हुई आवेशित कणों की धारा निकलती है, जिसे ‘सोलर विंड’ कहा जाता है। यही सोलर विंड हमारे सौरमंडल के चारों ओर एक विशाल बुलबुले जैसी संरचना बनाती है, जिसे “हीलियोस्फीयर” कहते हैं। यह हीलियोस्फीयर हमें बाहरी ब्रह्मांडीय किरणों और इंटरस्टेलर कणों से सुरक्षा प्रदान करती है। परंतु इसकी संरचना, सीमाएँ और गतिशीलता अब तक वैज्ञानिकों के लिए रहस्य बनी हुई है।
IMAP मिशन क्या है?
NASA ने 24 सितंबर को “इंटरस्टेलर मैपिंग एंड एक्सेलरेशन प्रोब” (IMAP) लॉन्च किया, जिसका उद्देश्य हीलियोस्फीयर की सीमाओं का मानचित्रण करना, ऊर्जावान कणों की पहचान करना और अंतरिक्ष मौसम की सटीक भविष्यवाणी में मदद करना है। IMAP अंतरिक्ष में 10 वैज्ञानिक उपकरणों से सुसज्जित है, जो विभिन्न प्रकार के कणों और घटनाओं का विश्लेषण करेंगे।
इसमें शामिल हैं:
- एनर्जेटिक न्यूट्रल एटम डिटेक्टर्स (IMAP-Lo, IMAP-Hi, IMAP-Ultra): ये पहले आवेशित रहे कणों को पहचानते हैं जो अब न्यूट्रल हो चुके हैं।
- दूसरे उपकरण: सीधे आवेशित कणों, चुंबकीय क्षेत्रों, इंटरस्टेलर धूल और सोलर विंड की संरचनाओं का पता लगाते हैं।
IMAP कहाँ स्थित होगा और कैसे कार्य करेगा?
IMAP पृथ्वी और सूर्य के बीच के Lagrange Point 1 (L1) पर तैनात किया जाएगा, जो पृथ्वी से लगभग 1.6 मिलियन किलोमीटर दूर है। यहाँ गुरुत्वीय बल इस प्रकार संतुलित होते हैं कि यान को न्यूनतम ईंधन में स्थिर स्थिति में रखा जा सकता है। यह स्थान अंतरिक्ष मौसम और सोलर विंड का निरंतर अवलोकन करने के लिए आदर्श है।
IMAP से प्राप्त डेटा वैज्ञानिकों को लगभग वास्तविक समय (near real-time) में अंतरिक्ष मौसम पर नज़र रखने में मदद करेगा। इसके अलावा, मिशन से वैज्ञानिकों को अब तक की सबसे विस्तृत हीलियोस्फीयर सीमाओं की जानकारी मिलने की उम्मीद है।
IMAP से जुड़ी संभावनाएँ और वैज्ञानिक महत्व
- कणों की गति और ऊर्जा: IMAP यह समझने में मदद करेगा कि सूर्य से निकले कण कैसे गति करते हैं और उन्हें ऊर्जा कैसे प्राप्त होती है।
- हीलियोस्फीयर का मानचित्रण: यह यान इंटरस्टेलर माध्यम (interstellar medium) से टकराकर बने हीलियोस्फीयर के बाहरी किनारे — ‘हीलियोपॉज़’ — की विस्तृत जानकारी देगा।
- नवीन अनुसंधान: IMAP-Lo उपकरण हाइड्रोजन और ड्यूटेरियम जैसे इंटरस्टेलर न्यूट्रल परमाणुओं को पहचान सकेगा, जो हीलियोपॉज़ पर उनकी उत्पत्ति के प्रकार का निर्धारण करने में सहायक होगा।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- सोलर विंड एक आवेशित कणों की धारा है जो सूरज से लगातार निकलती है।
- हीलियोस्फीयर सौरमंडल को ब्रह्मांडीय विकिरण से बचाने वाली एक सुरक्षात्मक ढाल है।
- Lagrange Point 1 (L1) वह स्थान है जहाँ पृथ्वी और सूर्य के गुरुत्वीय बल संतुलन में रहते हैं।
- IMAP मिशन NASA का नवीनतम प्रयास है, जो ब्रह्मांडीय कणों और अंतरिक्ष मौसम को समझने के लिए शुरू किया गया है।