IISc-Mynvax ने गर्मी के प्रति सहनशील कोविड वैक्सीन विकसित की

IISc-Mynvax ने गर्मी के प्रति सहनशील कोविड वैक्सीन विकसित की

भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) बेंगलुरु ने एक गर्मी-सहनशील COVID-19 वैक्सीन तैयार किया है। जानवरों पर अध्ययन करते समय, यह सभी मौजूदा चिंताजनक SARS-CoV-2 रूपों के खिलाफ प्रभावी पाया गया।

मुख्य  बिंदु

  • यह शोध ACS Infectious Diseases पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।
  • यह टीका IISc-इनक्यूबेटेड बायोटेक स्टार्ट-अप Mynvax द्वारा तैयार किया गया था, जिसने चूहों में एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया का निर्माण किया।यह हैम्स्टर्स को भी वायरस से बचाता है।
  • यह वैक्सीन 37 डिग्री सेल्सियस पर भी एक महीने तक स्थिर रही, जबकि 100 डिग्री सेल्सियस पर यह 90 मिनट तक स्थिर रही।

पृष्ठभूमि

कोविड-19 के लिए विकसित अधिकांश टीकों को स्थिर और प्रभावी रहने के लिए प्रशीतन (refrigeration) की आवश्यकता होती है। उदाहरण के लिए, ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन (भारत में कोविशील्ड) को 2-8 डिग्री सेल्सियस के भंडारण तापमान की आवश्यकता होती है, जबकि फाइजर को शून्य से 70 डिग्री सेल्सियस कम तापमान पर विशेष कोल्ड स्टोरेज की आवश्यकता होती है।

IISc-Mynvax का टीका कैसे विकसित किया गया?

IISc-Mynvax वैक्सीन वायरल स्पाइक प्रोटीन के एक हिस्से का उपयोग करके विकसित किया गया था जिसे रिसेप्टर-बाइंडिंग डोमेन (RBD) कहा जाता है। यह वायरस को संक्रमित करने के लिए मेजबान सेल से जुड़ने की अनुमति देता है। यह अन्य टीकों से अलग है क्योंकि यह पूरे स्पाइक प्रोटीन के बजाय केवल RBD (200 अमीनो एसिड की स्ट्रिंग) के एक विशिष्ट भाग का उपयोग करता है।

गर्मी-सहनशील टीके का महत्व

एक गर्मी-सहनशील वैक्सीन या थर्मोस्टेबल या गर्म वैक्सीन का विकास दूरस्थ या संसाधन-सीमित स्थानों के लिए महत्वपूर्ण है जहां अत्यधिक गर्म जलवायु होती है जिसमें विश्वसनीय कोल्ड स्टोरेज आपूर्ति श्रृंखला की कमी होती है।

भारतीय विज्ञान संस्थान (Indian Institute of Science – IISc)

IISc की स्थापना 1909 में की गयी थी, यह एक सार्वजनिक, डीम्ड, शोध विश्वविद्यालय है, जो इंजीनियरिंग, विज्ञान, डिजाइन और प्रबंधन में उच्च शिक्षा और अनुसंधान प्रदान करता है। इसका मुख्यालय बैंगलोर में है। इस संस्थान को स्थानीय रूप से ‘टाटा संस्थान’ (Tata Institute) कहा जाता है क्योंकि इसे जमशेदजी टाटा के सक्रिय समर्थन से स्थापित किया गया था। इसे 2018 में इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस का दर्जा दिया गया था।

Originally written on July 16, 2021 and last modified on July 16, 2021.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *