ICAO परिषद में भारत का पुनः निर्वाचन: वैश्विक विमानन में सशक्त उपस्थिति की पुष्टि

भारत को एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (ICAO) की परिषद के भाग-II में 2025-2028 कार्यकाल के लिए निर्वाचित किया गया है। यह चुनाव 27 सितंबर 2025 को मॉन्ट्रियल में आयोजित 42वें ICAO महासभा सत्र के दौरान संपन्न हुआ। यह उपलब्धि भारत के विमानन क्षेत्र में योगदान, नेतृत्व क्षमता और वैश्विक प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
भाग-II में भारत की भूमिका और चुनाव प्रक्रिया
ICAO परिषद के भाग-II में उन देशों को स्थान मिलता है जो अंतरराष्ट्रीय नागरिक हवाई नेविगेशन की सुविधाएँ प्रदान करने में प्रमुख भूमिका निभाते हैं। 193 सदस्य देशों द्वारा चुनी गई 36 सदस्यीय परिषद अगले तीन वर्षों तक संगठन की नीतियों और दिशा तय करती है। भारत ने इस बार 2022 की तुलना में अधिक मत प्राप्त किए, जो अंतरराष्ट्रीय समुदाय में भारत के प्रति बढ़ते विश्वास को दर्शाता है।
कूटनीतिक प्रयास और रणनीतिक संवाद
भारत की सफलता के पीछे सशक्त कूटनीति और उच्च स्तरीय संवाद रहा। 2 सितंबर 2025 को नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने नई दिल्ली में राजदूतों और उच्चायुक्तों के लिए स्वागत समारोह का आयोजन किया, जहाँ नागरिक उड्डयन मंत्री श्री राममोहन नायडू ने भारत की उम्मीदवारी का समर्थन मांगा। विदेश मंत्रालय ने लगातार अन्य सदस्य देशों से संपर्क बनाए रखा और भारत की ICAO के उद्देश्यों के प्रति प्रतिबद्धता को उजागर किया।
भारत की वैश्विक विमानन में भूमिका
भारत ICAO का 1944 से संस्थापक सदस्य रहा है और पिछले 81 वर्षों से परिषद में सतत उपस्थिति बनाए हुए है। दुनिया के सबसे तेज़ी से बढ़ते विमानन बाजारों में शामिल भारत, विमान निर्माण, मरम्मत (MRO), और कौशल विकास के क्षेत्र में वैश्विक निवेशकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन चुका है।
ICAO के मिशन — सुरक्षित, संरक्षित, सतत, समावेशी और सामंजस्यपूर्ण अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन — को साकार करने में भारत की सक्रिय भूमिका रही है। भारत नीति निर्माण, नियामक ढाँचे और अंतरराष्ट्रीय मानकों को विकसित करने में अग्रणी रहा है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- ICAO की स्थापना 1944 में हुई और इसका मुख्यालय कनाडा के मॉन्ट्रियल में स्थित है।
- ICAO में कुल 193 सदस्य देश हैं, जो शिकागो कन्वेंशन के हस्ताक्षरकर्ता हैं।
- ICAO परिषद 36 सदस्यों की होती है, जिसका कार्यकाल तीन वर्षों का होता है।
- भारत ICAO का संस्थापक सदस्य है और 81 वर्षों से लगातार परिषद का हिस्सा बना हुआ है।