Harimau Shakti 2025: भारत–मलेशिया संयुक्त सैन्य अभ्यास का पाँचवाँ संस्करण

Harimau Shakti 2025: भारत–मलेशिया संयुक्त सैन्य अभ्यास का पाँचवाँ संस्करण

राजस्थान के महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में भारत और मलेशिया की सेनाओं के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास “हरिमाउ शक्ति 2025” का पाँचवाँ संस्करण आरंभ हुआ। 5 से 18 दिसंबर 2025 तक चलने वाला यह द्विपक्षीय अभ्यास दोनों देशों की सेनाओं के बीच परिचालन सहयोग को गहरा करने और संयुक्त प्रशिक्षण के माध्यम से वास्तविक युद्ध-स्थितियों में समन्वय को सुदृढ़ बनाने का महत्वपूर्ण मंच है। यह अभ्यास विशेष रूप से आतंकवाद-रोधी अभियानों और संयुक्त राष्ट्र (UN) के जनादेश के अंतर्गत संचालित सैन्य कार्रवाइयों के लिए तैयारियों को उन्नत करने पर केंद्रित है।

प्रतिभागी दल और प्रमुख उद्देश्यों का अवलोकन

भारतीय सेना की ओर से इस अभ्यास में डोगरा रेजिमेंट के सैनिक भाग ले रहे हैं, जबकि रॉयल मलेशियन आर्मी की ओर से 25वीं बटालियन के सैनिक शामिल हैं। इस संयुक्त अभ्यास का मुख्य उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र के अध्याय VII के तहत उप-पारंपरिक (sub-conventional) अभियानों का अभ्यास करना है। इन अभियानों में आतंकवादी गतिविधियों पर संयुक्त प्रतिक्रिया, संवेदनशील क्षेत्रों में तालमेलपूर्ण कार्रवाई तथा चरम परिस्थितियों में सैनिकों की क्षमता को परखने पर विशेष जोर दिया गया है। यह अभ्यास दोनों देशों की सेनाओं के बीच प्रक्रियात्मक एकरूपता और परिचालनिक समन्वय को सुदृढ़ बनाता है।

टैक्टिकल ड्रिल्स और युद्धक प्रशिक्षण मॉड्यूल

अभ्यास के दौरान दोनों सेनाएँ कई सामरिक अभ्यासों में भाग लेंगी, जिनमें कॉर्डन एंड सर्च ऑपरेशन, नष्टिकरण मिशन और हेलिबॉर्न इंसर्शन शामिल हैं। सैनिकों को आधुनिक युद्ध तकनीकों के अनुरूप प्रशिक्षित करने के लिए आर्मी मार्शल आर्ट्स रूटीन (AMAR), कॉम्बैट रिफ्लेक्स शूटिंग और योग के सत्र भी आयोजित किए जाएंगे, जो शारीरिक क्षमता, मानसिक एकाग्रता और लड़ाकू तत्परता को बढ़ाने में सहायक होते हैं। साथ ही हेलिपैड सुरक्षा और कैजुअल्टी इवैक्यूएशन जैसे प्रशिक्षण मॉड्यूल संयुक्त अभियानों में जोखिम कम करने और त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण घटक हैं।

अंतर-संचालन क्षमता और शांति स्थापना तैयारियाँ

हरिमाउ शक्ति 2025 का एक अहम लक्ष्य दोनों सेनाओं के बीच इंटरऑपरेबिलिटी बढ़ाना है, ताकि संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों के दौरान एकीकृत संचार, सामरिक तालमेल और प्रक्रियात्मक समानता स्थापित की जा सके। संयुक्त प्रशिक्षण वास्तविक स्थितियों में समन्वित कार्रवाई की क्षमता विकसित करता है, जिससे जान-माल के जोखिम कम होते हैं और शांति स्थापना अभियानों की प्रभावशीलता बढ़ती है। यह अभ्यास पारस्परिक विश्वास, सहयोग और पेशेवर समझ को गहराता है, जो भविष्य के बहुराष्ट्रीय अभियानों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • हरिमाउ शक्ति 2025 भारत–मलेशिया संयुक्त सैन्य अभ्यास का पाँचवाँ संस्करण है।
  • यह 5 से 18 दिसंबर 2025 के बीच राजस्थान के महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में आयोजित किया जा रहा है।
  • भारतीय सेना की ओर से डोगरा रेजिमेंट और मलेशिया की ओर से 25वीं बटालियन सम्मिलित हैं।
  • अभ्यास का मुख्य फोकस संयुक्त राष्ट्र के अध्याय VII के तहत उप-पारंपरिक अभियानों का अभ्यास करना है।

हरिमाउ शक्ति 2025 भारत और मलेशिया के बीच रक्षा सहयोग को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल सैनिकों को वास्तविक युद्ध परिस्थितियों में बेहतर समन्वय और तकनीकी दक्षता प्रदान करता है, बल्कि दोनों देशों के रणनीतिक संबंधों को भी सुदृढ़ करता है। यह संयुक्त सैन्य अभ्यास क्षेत्रीय स्थिरता, आपसी विश्वास और भविष्य की संयुक्त सैन्य चुनौतियों के लिए साझा तत्परता को बढ़ावा देता है।

Originally written on December 8, 2025 and last modified on December 8, 2025.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *