GST 2.0: भारत की अप्रत्यक्ष कर प्रणाली में ऐतिहासिक सुधार

3 सितंबर 2025 को आयोजित 56वीं GST काउंसिल बैठक में पारित GST 2.0 सुधार ने भारत की अप्रत्यक्ष कर प्रणाली को पूरी तरह बदल दिया है। यह निर्णय न केवल करदाताओं, उपभोक्ताओं और उद्योग जगत के लिए राहत लेकर आया है, बल्कि देश की आर्थिक संरचना को भी एक नई दिशा में ले जाने वाला साबित हो रहा है। दशकों से अप्रत्यक्ष करों से जुड़े विशेषज्ञ इसे इतिहास का सबसे बड़ा संरचनात्मक कर सुधार मान रहे हैं।

कर ढांचे में सरलीकरण: अब तीन मुख्य दरें

GST 2.0 के तहत अब पहले की चार दरों — 5%, 12%, 18% और 28% — को घटाकर तीन मुख्य श्रेणियों में समाहित किया गया है:

  • 5% या उससे कम: आवश्यक वस्तुएं
  • 18%: मानक दर
  • 40%: विलासिता और ‘सिन गुड्स’ (तंबाकू, शराब आदि)

इसके अंतर्गत घरेलू उपयोग की वस्तुएं, टॉयलेटरीज़, छोटे उपकरण आदि को कम कर दरों में लाया गया है। इससे विशेष रूप से मध्यमवर्गीय और निम्न आय वर्ग के परिवारों को सीधा लाभ होगा।

उपभोक्ताओं और MSMEs को राहत

  • अब 99% वस्तुएं और सेवाएं 0%, 5% या 18% दरों के अंतर्गत आएंगी।
  • उपभोक्ताओं के लिए दैनिक उपयोग की वस्तुएं सस्ती होंगी, जिससे मुद्रास्फीति में नरमी आएगी।
  • MSME क्षेत्र के लिए अनुपालन बोझ में कमी, इनपुट लागत में गिरावट, रिफंड में तेजी और कर विवादों में कमी आएगी।

औद्योगिक दृष्टिकोण और CII की भूमिका

CII (भारतीय उद्योग परिसंघ) ने दिसंबर 2024 से लगातार GST 2.0 की वकालत की थी। अब जब यह लागू हो गया है, तो CII उद्योगों के साथ मिलकर उपभोक्ताओं तक इन लाभों को पहुंचाने के लिए जागरूकता सत्र आयोजित कर रही है। कई कंपनियों ने कर कटौती से प्राप्त लाभ को उपभोक्ताओं तक पहुंचाने की घोषणा की है।
Finance Minister ने कहा कि “सरल लेकिन प्रभावशाली” GST प्रणाली बनाना ही लक्ष्य था। उनके अनुसार, “सुधार का उद्देश्य केवल दरें घटाना नहीं, बल्कि उपभोक्ताओं तक इसका लाभ पहुंचाना है।”

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • ● GST 2.0 को 3 सितंबर 2025 को 56वीं GST काउंसिल बैठक में पारित किया गया।
  • ● नई कर संरचना: 5% (जरूरी वस्तुएं), 18% (मानक दर), 40% (विलासिता/सिन गुड्स)।
  • ● CII (Confederation of Indian Industry) की स्थापना 1895 में हुई थी और यह भारत का प्रमुख औद्योगिक निकाय है।
  • ● GST (Goods and Services Tax) भारत में 1 जुलाई 2017 को लागू हुआ था।

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