GST 2.0: कर सरलीकरण और बचत के साथ उपभोक्ता और कारोबार के लिए नया युग

GST 2.0: कर सरलीकरण और बचत के साथ उपभोक्ता और कारोबार के लिए नया युग

22 सितंबर 2025 से प्रभावी, वस्तु एवं सेवा कर (GST) व्यवस्था में एक व्यापक सुधार — जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने “GST बचत उत्सव” करार दिया — लागू किया गया है। इसका उद्देश्य केवल कर दरों में कटौती करना नहीं है, बल्कि उपभोक्ताओं को राहत, कारोबार को सरलता और सरकार को दीर्घकालिक स्थिर राजस्व सुनिश्चित करना है।

क्या बदला है? — कर दरों में व्यापक पुनर्गठन

GST 2.0 में वस्तुओं और सेवाओं को तीन मुख्य दर श्रेणियों में पुनर्गठित किया गया है:

  • 5% (मेरिट रेट): खाद्य सामग्री, स्वास्थ्य सेवाएं, जीवन बीमा, मेडिकल उपकरण, हरित वाहनों, रसोई उत्पादों सहित 516 श्रेणियों की वस्तुएं।
  • 18% (मानक रेट): मशीनें, केमिकल्स, मोटर वाहन पार्ट्स, छोटे वाहन व दुपहिया, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स जैसे फ्रिज, टीवी आदि।
  • 40% (डिमेरिट रेट): पान मसाला, तंबाकू, सिगरेट, ऐयाशी से जुड़ी वस्तुएं जैसे याच, निजी विमान, कैफीन पेय आदि।

इसके अलावा कुछ वस्तुएं विशेष दरों पर रखी गई हैं:

  • कटे हुए हीरे पर 1.5%, कच्चे हीरे पर 0.25%, सोना-चांदी पर 3%।

दैनिक जीवन में असर: बचत और सुलभता

  • रोटी, परांठा, खाखरा: अब स्पष्ट रूप से 0% या 5% स्लैब में रखे गए हैं, वर्गीकरण विवाद समाप्त।
  • सौंदर्य सेवाएं (सैलून, स्पा): GST दर 18% से घटाकर 5% कर दी गई है।
  • होटल जिनका किराया ₹7,500 या उससे कम है: अब 12% की जगह केवल 5% GST देना होगा।
  • बीमा सेवाएं: स्वास्थ्य और जीवन बीमा पर अब कोई GST नहीं।

उलटे शुल्क संरचना (Inverted Duty Structure) में सुधार

GST 2.0 का एक प्रमुख लक्ष्य उलटी शुल्क संरचना में सुधार करना है, जिसमें अंतिम उत्पाद पर कर दर इनपुट्स से कम होती है।
हालाँकि कुछ क्षेत्रों में यह समस्या अभी भी बनी हुई है:

  • साइकिल, ट्रैक्टर, फर्टिलाइजर, कपड़ा क्षेत्र: इन क्षेत्रों में इनपुट्स पर कर दर 18% है, जबकि अंतिम उत्पाद पर 5%।
  • कॉरगेटेड बॉक्स उद्योग: उत्पाद पर दर 12% से घटाकर 5%, परंतु क्राफ्ट पेपर पर दर 18% कर दी गई है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • GST 2.0 के तहत 375 से अधिक वस्तुओं और सेवाओं की दरें बदली गई हैं।
  • अब केवल 3 दरें हैं: 5%, 18% और 40% (डिमेरिट)।
  • ईंटों को छोड़कर 12% GST स्लैब को समाप्त कर दिया गया है।
  • ईंटों पर अब भी 6% (बिना ITC) और 12% (साथ ITC) का विशेष स्लैब लागू है।
  • उलटे शुल्क संरचना के मामलों में 90% रिफंड अब प्रोविजनल रूप से स्वीकृत किया जाएगा।
Originally written on September 24, 2025 and last modified on September 24, 2025.

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