GST के तहत लाये जाने पर ईंधन की कीमतें गिरेंगी : SBI Research
भारतीय स्टेट बैंक की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर पेट्रोल और डीजल को क्रमशः ₹75 और ₹68 लीटर प्रति लीटर के हिसाब से GST के दायरे में लाया जाता है, तो देश भर में इसकी कीमतों में गिरावट आएगी।
रिपोर्ट के मुख्य बिंदु
- इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि अगर 28% GST दर पर, पेट्रोल और डीजल पर 30 और 20 का उपकर लगाया जाता है, कच्चे तेल की कीमत 60 डॉलर प्रति बैरल और रुपया-डॉलर विनिमय दर 73 रहती है; तब उसे बजट अनुमानों से 1 लाख करोड़ के राजस्व के विचलन का सामना करना पड़ेगा, जो वित्त वर्ष 2021-2022 के लिए GDP के 4% के बराबर है।
- ईंधन की कीमतें कम होने पर खपत में वृद्धि होगी।इसने वित्त वर्ष 2021-22 में पेट्रोल की खपत में 10% की वृद्धि और डीजल की खपत में 15% वृद्धि का अनुमान लगाया है।
- इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि वित्त वर्ष 2020-2021 में भारत का राजकोषीय घाटा जीडीपी के 5% के संशोधित अनुमान की तुलना में लगभग 8.7% हो सकता है।
- इस रिपोर्ट के अनुसार, कर प्राप्तियों को अप्रत्यक्ष करों द्वारा बढ़ाया गया है जिसमें उत्पाद शुल्क भी शामिल हैं लेकिन सरकार के पास अभी भी लगभग 90 लाख करोड़ हैं जो कि वित्तीय वर्ष 2020-21 के दो महीने तक खर्च किए जा सकते हैं।
यह रिपोर्ट बताती है कि, केंद्र और राज्य सरकार को ईंधन करों पर चर्चा करनी चाहिए क्योंकि वे कर राजस्व के प्रमुख स्रोत हैं। भारतीय रिजर्व बैंक ने राज्य और केंद्र सरकार के करों में “कटौती और समन्वित कमी” के लिए भी कहा था।
Originally written on
March 8, 2021
and last modified on
March 8, 2021.