Global Forest Goals Report, 2021 जारी की गयी

Global Forest Goals Report, 2021 जारी की गयी

संयुक्त राष्ट्र ने हाल ही में Global Forest Goals Report, 2021 जारी की। इस रिपोर्ट के अनुसार, COVID-19 ने जंगलों के प्रबंधन में देशों के सामने आने वाली चुनौतियों को और बढ़ा दिया है।

रिपोर्ट के मुख्य बिंदु

COVID-19 के दौरान वन आश्रित आबादी को आय में कमी, नौकरी में कमी, बाज़ारों और सूचना तक कम पहुंच का सामना करना पड़ा। अधिकांश वन आश्रित आबादी को स्वास्थ्य सेवा और बुनियादी सेवाओं तक पहुँचने में भी कठिनाई का सामना करना पड़ा।

जंगलों पर निर्भरता

इस रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 1.6 बिलियन लोग वनों पर निर्भर हैं। यह वैश्विक जनसंख्या का 25% है।

  • दुनिया में ग्रामीण क्षेत्रों में, 40% से अधिक सवाना और जंगलों में रहते हैं।यह वैश्विक जनसंख्या का 20% है।

रिपोर्ट द्वारा पहचाने गए प्रमुख लक्ष्य

  • ऑस्ट्रेलिया: 2020 तक 20 मिलियन पेड़ लगाएगा। इसे 2030 तक बढ़ाकर एक बिलियन प्लांटेशन किया जायेगा
  • ब्राजील: पौध रोपण क्षेत्रों को दो मिलियन हेक्टेयर तक बढ़ाया जायेगा
  • भारत: प्रति वर्ष 2,00,000 हेक्टेयर वृक्ष और वन आवरण को जोड़ा जायेगा
  • केन्या: वृक्ष कवर को 10% तक बढ़ाया जायेगा
  • म्यांमार: वन आवरण को 30% तक बढ़ाया जायेगा
  • जापान: 25 मिलियन हेक्टेयर वन क्षेत्र में वृद्धि की जाएगी
  • न्यूजीलैंड: 2028 तक 1 बिलियन पेड़ लगाये जायेंगे
  • थाईलैंड: वन कवर को 55% तक बढ़ाया जायेगा
  • श्रीलंका: वन आवरण को 32% तक बढ़ाया जायेगा
  • नाइजीरिया: 2030 तक वन कवर को 6% से बढ़ाकर 25% किया जायेगा

पृष्ठभूमि

इस रिपोर्ट में राष्ट्रीय वन योजना के 26 लक्ष्यों में से 6 ग्लोबल फॉरेस्ट गोल्स का अवलोकन किया गया है। 6 लक्ष्य इस प्रकार हैं:

  • वन आवरण के नुकसान की भरपाई
  • वन लाभ और आजीविका में सुधार
  • वनों की रक्षा करना और वन उत्पादों का सतत उपयोग
  • संसाधनों को जुटाना
  • समावेशी वन प्रशासन को बढ़ावा देना
  • सभी क्षेत्रों में सहयोग

वनों के लिए संयुक्त राष्ट्र सामरिक योजना (United Nations Strategic Plan for Forests) को स्थायी वन प्रबंधन को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया था। इसे 2017 और 2030 के बीच लागू किया जा रहा है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य 2030 तक दुनिया में वन क्षेत्र को 3% तक बढ़ाना है। अर्थात, 120 मिलियन हेक्टेयर भूमि को वन आवरण के अंतर्गत लाना है।

Originally written on May 1, 2021 and last modified on May 1, 2021.
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