DRDO ने बनाई भारत की पहली स्वदेशी मशीन पिस्टल ‘ASMI’

DRDO ने बनाई भारत की पहली स्वदेशी मशीन पिस्टल ‘ASMI’

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने भारतीय सेना के साथ मिलकर भारत की पहली स्वदेशी मशीन पिस्टल ‘ASMI’ विकसित की है। इस पिस्टल को हाल ही में भारतीय सेना के नवाचार प्रदर्शन कार्यक्रम में प्रदर्शित किया गया था।

मुख्य बिंदु

स्वदेशी रूप से विकसित यह मशीन पिस्टल रक्षा बलों द्वारा इस्तेमाल की जा रही 9 मिमी पिस्टल को रीप्लेस करेगी। इस मशीन पिस्टल की फायरिंग रेंज 100 मीटर है और यह इजरायल की उजी सीरीज की बंदूकों की श्रेणी में है। पिछले 4 महीनों में विकास के दौरान इस पिस्टल से 300 से अधिक राउंड फायर किए गये हैं। यह पिस्टल अब जल्द ही भारतीय सेना को सौंप दी जाएगी।

रक्षा अनुसन्धान व विकास संगठन (DRDO)

रक्षा अनुसन्धान व विकास संगठन (DRDO) की स्थापना 1958 में की गयी थी, इसका मुख्यालय नई दिल्ली के DRDO भवन में स्थित है। यह भारत सरकार की एजेंसी है। यह सैन्य अनुसन्धान तथा विकास से सम्बंधित कार्य करता है। DRDO का आदर्श वाक्य “बलस्य मूलं विज्ञानं” है। DRDO में 30,000 से अधिक कर्मचारी कार्य करते हैं। वर्तमान में DRDO के चेयरमैन डॉ. जी. सतीश रेड्डी हैं। DRDO का नियंत्रण केन्द्रीय रक्षा मंत्रालय के पास है। DRDO की 52 प्रयोगशालाओं का नेटवर्क है।

Originally written on January 14, 2021 and last modified on January 14, 2021.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *