DRDO ने MPATGM का परीक्षण किया

DRDO ने MPATGM का परीक्षण किया

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने मैन पोर्टेबल एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (MPATGM) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया।

मुख्य बिंदु

इस परीक्षण के दौरान, MPATGM का अंतिम परीक्षण किया गया।

MPATGM एक स्वदेश में विकसित टैंक रोधी मिसाइल, कम वजन वाली और ‘फायर एंड फॉरगेट’ मिसाइल है।

इसे एक लॉन्चर से लॉन्च किया गया था, जो मैन पोर्टेबल था। इसे थर्मल विज़न के साथ एकीकृत किया गया था।

परीक्षण के दौरान, मिसाइल ने निर्धारित लक्ष्य को सटीक रूप से नष्ट कर दिया।

पृष्ठभूमि

भारतीय सेना मुख्य रूप से अतीत में कई आयातित एंटी टैंक गाइडेड मिसाइलों का उपयोग कर रही है, जबकि DRDO ATGM पर काम कर रहा है, जिसे एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम के तहत विभिन्न प्लेटफार्मों से लॉन्च किया जा सकता है। हाल के दिनों में, स्वदेशी रूप से विकसित MPATGM, हेलीकॉप्टर द्वारा लॉन्च किए गए एटीजीएम नाग या हेलिना और एटीजीएम नाग का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया है। दिसंबर 2019 में, भारत सरकार ने भारतीय सेना की परिचालन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए संबद्ध प्रणालियों के साथ-साथ इज़रायल से एंटी-टैंक स्पाइक मिसाइलें भी खरीदीं थी।

MPATGM क्या है?

MPATGM, जिसे “मैन पोर्टेबल एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल” कहा जाता है, तीसरी पीढ़ी की फायर-एंड-फॉरगेट एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल है। इसे DRDO ने भारतीय रक्षा कोअन्य वी.ई.एम. टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से विकसित किया है। यह एक कम वजन वाली मिसाइल है, जिसमें इसके मध्य भाग में चार पंख होते हैं। यह मिसाइल हाई-एक्सप्लोसिव एंटी टैंक (HEAT) वारहेड से लैस है। इसकी लंबाई 1,300 मिमी और व्यास 120 मिमी है। इसका वजन 14.5 किलो है। मिसाइल की कमांड लॉन्च यूनिट (सीएलयू) 14.25 किलोग्राम की है। यह मिसाइल कम से कम 200-300 मीटर और अधिकतम 4 किमी की दूरी तय कर सकती है।

Originally written on January 14, 2022 and last modified on January 14, 2022.

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