Costs of Climate Change in India रिपोर्ट जारी की गयी, रिपोर्ट का दावा है कि भारत की GDP में सालाना कमी आएगी

Costs of Climate Change in India रिपोर्ट जारी की गयी, रिपोर्ट का दावा है कि भारत की GDP में सालाना कमी आएगी

लंदन बेस्ड वैश्विक थिंक टैंक ओवरसीज डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट (Overseas Development Institute) ने “Costs of Climate change in India” नामक अपनी रिपोर्ट प्रकाशित की। इस रिपोर्ट में भारत में जलवायु से संबंधित जोखिमों की आर्थिक लागत और बढ़ती असमानता और गरीबी की संभावना का विश्लेषण किया गया है।

मुख्य निष्कर्ष

  • इस रिपोर्ट के अनुसार, जलवायु परिवर्तन का असर भारत की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा।
  • भारत 2100 तक सालाना अपने सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का लगभग 3 से 10 प्रतिशत खो सकता है।
  • 2040 में गरीबी दर भी 5 फीसदी तक बढ़ सकती है।
  • भारत पहले से ही भारी वर्षा, अत्यधिक गर्मी की लहरें, भीषण बाढ़, समुद्र का बढ़ता स्तर और विनाशकारी तूफान के रूप में ग्लोबल वार्मिंग के 1 डिग्री सेल्सियस के परिणामों का सामना कर रहा है।
  • यह देखा गया कि भारत ने पिछले तीन दशकों में आय और जीवन स्तर को बढ़ाने में तेजी से प्रगति की है।हालांकि, अगर कोई तेजी से वैश्विक कार्रवाई नहीं की जाती है, तो जलवायु परिवर्तन हाल के दशकों के विकास लाभ को उलट सकता है।
  • जलवायु परिवर्तन भारत में गरीबी में कमी को धीमा कर सकता है और असमानता में वृद्धि कर सकता है।
  • अगर तापमान 2 डिग्री सेल्सियस तक भी सीमित रह जाए तो भी भारत को सालाना 6 फीसदी जीडीपी का नुकसान होगा। यदि वैश्विक तापमान को 3 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखा जाता है, तो नुकसान सालाना बढ़कर 13.4 प्रतिशत हो जाएगा।
Originally written on June 10, 2021 and last modified on June 10, 2021.

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