“Children in India 2025” रिपोर्ट: भारत में बच्चों की स्थिति पर विस्तृत विश्लेषण

भारत सरकार के सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय (MoSPI) ने 25 सितंबर, 2025 को चंडीगढ़ में आयोजित केंद्रीय और राज्य सांख्यिकी संगठनों के 29वें सम्मेलन (CoCSSO) के दौरान “Children in India 2025” नामक प्रकाशन का चौथा संस्करण जारी किया। यह रिपोर्ट देश में बच्चों की स्थिति, उनके स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण, संरक्षण और अधिकारों पर आधारित एक व्यापक विश्लेषण प्रस्तुत करती है।
शिशु मृत्यु दर और जन्म दर में गिरावट
रिपोर्ट के अनुसार भारत में शिशु मृत्यु दर (IMR) में निरंतर गिरावट दर्ज की गई है — जो वर्ष 2011 में 44 थी, वह घटकर 2023 में 25 रह गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में यह दर अभी भी शहरी क्षेत्रों की तुलना में अधिक है। साथ ही, पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर (U5MR) भी 2022 के 30 से घटकर 2023 में 29 हो गई है।
जन्म दर में भी गिरावट का रुझान देखा गया है। 2023 में राष्ट्रीय स्तर पर जन्म दर 18.4 प्रति 1,000 जनसंख्या रही, जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों में यह 20.3 और शहरी क्षेत्रों में 14.9 दर्ज की गई।
शिक्षा में प्रगति और ड्रॉपआउट दर में कमी
शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। ड्रॉपआउट दर में स्पष्ट कमी आई है। 2022-23 में माध्यमिक स्तर पर ड्रॉपआउट दर 13.8% थी, जो 2024-25 में घटकर 8.2% रह गई। प्रारंभिक और मध्य स्तर पर भी छात्रों के स्कूल छोड़ने की दर में कमी आई है, जिससे शिक्षा व्यवस्था में बच्चों की पकड़ मजबूत हुई है।
जेंडर पैरिटी इंडेक्स (GPI) के अनुसार, 2024-25 में शिक्षा के सभी स्तरों पर लिंग समानता प्राप्त की गई है, जिसमें माध्यमिक स्तर पर यह सूचकांक 1.1 रहा — जो यह दर्शाता है कि लड़कियों की शिक्षा में भागीदारी लड़कों के बराबर या उससे अधिक हो रही है।
बाल विवाह और गोद लेने की प्रवृत्ति
20-24 वर्ष की आयु वर्ग की महिलाओं में 18 वर्ष से पहले विवाह की प्रवृत्ति में भी कमी आई है। 2015-16 में यह आंकड़ा 26.8% था, जो 2019-21 में घटकर 23.3% हो गया है।
बाल गोद लेने के आंकड़ों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। 2017-18 में कुल 3,927 बच्चों को गोद लिया गया था, जो 2024-25 में बढ़कर 4,515 हो गया। इनमें 2,336 लड़कियां और 1,819 लड़के थे, जो यह संकेत देता है कि घरेलू गोद लेने में लड़कियों की भागीदारी अधिक रही।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- Children in India नामक यह प्रकाशन पहली बार वर्ष 2008 में शुरू हुआ था, और 2025 का संस्करण इसका चौथा संस्करण है।
- रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में राष्ट्रीय शिशु मृत्यु दर 25 रही, जिसमें पुरुषों की मृत्यु दर 26 और महिलाओं की 25 रही।
- GPI (Gender Parity Index) 2024-25 में माध्यमिक स्तर पर 1.1 रहा, जो दर्शाता है कि लड़कियों की सकल नामांकन दर लड़कों से अधिक रही।
- रिपोर्ट में पहली बार मोबाइल उपकरणों के उपयोग, मृत्यु के कारणों, और सामग्रीगत प्रदर्शन तुलना जैसे नए संकेतक शामिल किए गए हैं।